लखनऊ। योगी सरकार ने वाराणसी की कला-संस्कृति को विश्वपटल पर अलग पहचान दिलाई है। कला-संस्कृति की नगरी वाराणसी ने विदेशी सैलानियों के दिलों में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। इस शहर के हुनरमंद कलाकारों ने देश-विदेश में अपनी कला का परचम लहराया है। मिशन शक्ति के तहत महिलाएं एक ओर जहां महिलाओं को स्वावलंबन, सुरक्षा और सम्मान से जीवन जीने की शिक्षा दे रहीं हैं तो वहीं दूसरी ओर अंजनी मिश्रा जैसी बेटी ने अपने हुनर के दम पर यूपी को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान की पगड़ी पहनाई है। वाराणसी निवासी तीस वर्षीय फ्रीलांस कलाकार अंजनी मिश्रा को यूनाइटेड किंगडम की ओर से सम्मानित किया गया है।
इंटरनेशनल आर्ट एंड इमेजिनेशन फोरम की ओर से यूनाइटेड अगेंस्ट कोरोना प्रदर्शनी का ऑनलाइन आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में 50 देशों के 30,000 कलाकारों ने अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश से एकमात्र अंजनी ने इस प्रतियोगिता में हिस्सेदारी की और अपनी रचनात्मक दृष्टिकोण के जरिए लोगों के दिलों को जीतने संग अवार्ड को भी जीतने में कामयाब रहीं हैं। अंजनी को इससे पहले भी मल्टी टैलेंट अवार्ड और वंडर अमेजिंग क्रिएटिव बुक आफ रिकार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
पेटिंग के जरिए दिया कोरोना से बचाव का संदेश
अंजनी ने यूनाइटेड अगेंस्ट कोरोना प्रदर्शनी में अपने ‘डूडल’ के जरिए कोरोना संक्रमण से बचाव का संदेश दे कर हर किसी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। उन्होंने पेंटिंग के जरिए सोशल डिस्टेंसिंग, कोरोना से बचाव के तरीके समेत यूपी सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन की झलक उस पेंटिंग में दिखाई है। उनकी पेंटिंग ने विदेशी निर्णायक मंडल के लोगों का ध्यान खींचा। अंजनी बताती हैं कि ऑनलाइन प्रतियोगिता के लिए मैं बेहद उत्साहित थी। पहली बार मुझे अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभागी बनने का मौका मिला। इसके तहत प्रदर्शनी में अपनी पेंटिंग के जरिए अपने प्रदेश की कला को कैनवास पर उकेर कर कलाप्रेमियों का दिल और अवॉर्ड जीतने में कामयाब हुई।
बच्चों को निशुल्क देती हैं कला की ट्रेनिंग
अंजनी का कहना है कि उत्तर प्रदेश हुनरमंद कलाकारों की धरती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलों के कलाकारों की कला का सम्मान करते हुए उनकी कला को विदेशी स्तर पर पहचान दिलाने का काम किया है। योगी सरकार ने शुरू से ही कला व संस्कृति को प्रोत्साहित किया है। इससे कलाकारों का मनोबल बढ़ा है। उन्होंने बताया कि मैं पिछले चार सालों से गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का काम कर रही हूं तो वहीं आर्ट व क्रॉफ्ट के क्षेत्र में लगभग 50 बच्चों को घर पर ट्रेनिंग दे रही हूं। भविष्य में मैं प्रशिक्षण केन्द्र खोलना चाहती हूं। जिससे महिलाओं व बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर सकूं।