लखनऊ। प्रदेश के परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने कहा कि बदलते समय के साथ आज की महिलाएं स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर हो कर परिवार को भी आर्थिक सहायता कर रही है, इसके वावजूद बच्चों से सम्बन्धित सेवाओं के लिए वे अभी भी प्राथमिक सेवादात्री हैं। उन्होंने ये भी कहा कि आज के दौर में संयुक्त परिवार विलुप्त हो गया है, जिसकी वजह से उन महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण बाल देख-भाल प्रदान करने के लिए पारिवारिक और सामुदायिक मदद की कमी झेलनी पड़ती है।
परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह बृहस्पतिवार को फैजाबाद रोड स्थित एक होटल में आयोजित बच्चों की पूर्णकालिक गुणवत्तापूर्ण देखभाल की माँग को पूरा करने के लिए तथा महिलाओं के विभिन्न मुद्दों पर यूपी फोर्सेज नेटवर्क और सेव द चिल्ड्रन ने एक राज्य स्तरीय परामर्श कार्यक्रम का आयोजित कार्यक्रम में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस राज्य स्तरीय परामर्श कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
उन्होंने कहा कि सेव द चिल्ड्रेन और यूपी फोर्सेस ने गुणवत्तापूर्ण बाल देख-भाल प्रदान करने के लिए एक अच्छी पहल की है जिसमें मदद के लिए उत्तर प्रदेश सरकार सदैव तत्पर रहेगी।
कार्यक्रम में चर्चा की गयी कि महिलाएँ अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में कार्यरत हैं। माताओं और उनके बच्चों दोनों के लिए उनकी विकास आवश्यकताओं हेतु एक चुनौती है। बच्चों के लिए यह आवश्यक है कि उनके शुरूआती बचपन के विकास पर पूरा ध्यान दें। बच्चों के फलने-फूलने और वृद्धि के लिए उनका लालन-पालन और देखभाल करने की आवश्यकता होती है, फिर भी क्रेच और डेकेयर में बच्चों की इस प्रकार की देखभाल दुर्लभ होती है।
सेवा सोशल सिक्योरिटी की निदेशक मिराई चटर्जी ने कहा कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए पूरे दिन गुणवत्तापूर्ण बाल देखभाल करना बहुत जरूरी है। अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में महिला कर्मचारियों की उत्पादकता और आय में काफी सुधार करने, उन्हें गरीबी से उभरने और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने में मदद करने की क्षमता है। जब महिलाएँ अधिक कमाती हैं, तो वह अपने बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल और अन्य आवश्यकताओं के लिए धन का उपयोग करती हैं।
यू पी फोर्सेस कन्वेनर रामायण यादव ने कहा कि इस गुणवत्तापूर्ण बाल देखभाल को राज्य स्तर पर यू पी फोर्सेस नेतृत्व करेगा और राज्य स्तरीय कार्यकारिणी समूह का गठन करेगा जो कि वर्ष 2024 के राज्य चुनाव तक सभी दलों, समुदायों के लिए एक एजेन्डा का खाका तैयार करेगा। कार्यशाला के दौरान राज्य कार्यकारिणी समूह का गठन किया गया।