आईओए कॉन्फ्रेंस 2023
लखनऊ। इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन (आईओए) कॉन्फ्रेंस 2023 के दूसरे दिन ऑर्थोपेडिक में नयी तकनीक पर चर्चा हुई, जिसमें प्रमुख विशेषज्ञ शामिल हुए और महत्वपूर्ण विषयों पर उन्होंने चर्चा करते हुए अपना ज्ञान और अनुभव साझा किया। शनिवार को महत्वपूर्ण सत्र में विशेषज्ञों ने बुजुर्ग रोगियों के प्रति जिम्मेदारी को समझने और उनके अनुरूप आर्थोपेडिक देखभाल पर अनुभव व ज्ञान भी साझा किए।
साइंटिफिक सेक्रेटरी डॉ. अनूप अग्रवाल ने जोर देकर कहा, “बच्चों में आजकल विटामिन डी की कमी बहुत आम हो गई है। इसकी वजह से बच्चों में डिफॉरमेटी का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि जब भी हम कैल्शियम और विटामिन डी की बात करते हैं, तो यह सवाल उठता है कि बच्चों में इनकी कमी क्यों होती है। इसका एक कारण यह है कि बाजार में मिलने वाले दूध में कैल्शियम की मात्रा कितनी है, यह पता नहीं होता। दूसरा कारण यह है कि आजकल बच्चे पास्ता, मैगी आदि पर ज्यादा निर्भर हो रहे हैं।
जबकि हमारी पारंपरिक भारतीय थाली में दाल, सब्जी, रोटी, सलाद आदि शामिल होते हैं। इनमें कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा पर्याप्त होती है। कुछ साल पहले बच्चों में होने वाली हड्डियों से संबंधित बीमारियों या फ्रैक्चर के बारे में उतना स्पष्ट नहीं था। लेकिन अब सारे इंप्लांट्स, जैसे कि प्लेट, डिस्क या क्लिप, बच्चों को ध्यान में रखकर बनाए जा रहे हैं। बच्चों के आर्थोपेडिक्स के मामले में भी हमारी समझ बेहतर हो गई है। बच्चों में होने वाली आम समस्याओं, जैसे कि कोहनी टेढ़ी होना या घुटने टेढ़े होना, का इलाज बिना ऑपरेशन के भी किया जा सकता है। और ऑपरेशन के द्वारा भी इनका सफल इलाज किया जा सकता है।











