लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के डॉक्टरों ने विश्वपटल पर एक बार फिर अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। केजीएमयू के दस डॉक्टरों के नाम यूनाइटेड स्टेट की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी की लिस्ट में चयन किया गया है। इनमें माइक्रोबायोलॉजी विभाग के स्व. यूसी चतुर्वेदी लिस्ट में प्रथम स्थान पर है। डॉ. चुतर्वेदी 1998 में सेवानिवृत्त हो चुके है। इसी प्रकार न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. आरके गर्ग नया इतिहास बनाते हुए विश्व के वैज्ञानिकों की लिस्ट में लगातार चौथी बार स्थान बनाया हैं। उन्होंने चिकित्सा अनुसन्धानों में उत्तर प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ रैंक प्राप्त की है।
केजीएमयू के डाक्टरों की इस विश्वस्तरीय उपलब्धि पर कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने सभी डॉक्टरों की प्रशंसा करते हुए बधाई दी है।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में दूसरे नम्बर पर न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ. आरके गर्ग स्थान बनाया है। अब तक डॉ. गर्ग के 550 से ज्यादा रिसर्च पेपर राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय जनरल में प्रकाशित हो चुके हैं। इनमें ब्रोन टीबी पर लगभग सौ रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए हैं। डॉ. गर्ग बताते हैं कि लोगों में मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इन बीमारियों पर रिसर्च करके इलाज में प्रयोग होने वाली दवा की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
-न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ डॉ. राजेश वर्मा ने अब तक 360 से अधिक रिसर्च राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हो चुके हैं। डॉ. वर्मा ने ब्रोन टीबी के साथ ही मेनेंजाइटिस, जीबी सिंड्रोम समेत दूसरी बीमारियों पर लगातार रिसर्च किया है। डा. वर्मा का मानना है कि बीमारियों को जड़ से मिटाने का सबसे आसार व सटीक रास्ता रिसर्च ही है।
इसके बाद माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. अमिता जैन को लिस्ट में चौथे स्थान मिला है। डॉ. जैन के अब तक लगभग 380 शोध प्रकाशित हो चुके हैं। डा. जैन के सबसे ज्यादा रिसर्च पेपर ड्रग रजिस्टेंट टीबी, वायरस से होने वाली बीमारियों पर प्रकाशित हुए हैं।
इसके बाद लिस्ट में मानसिक स्वास्थ्य विभाग के डॉ. सुजीत कार को स्थान मिला है। डा. कार ने अब तक 410 के रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं। सबसे ज्यादा कोरोना के कारण से उत्पन्न मानसिक बीमारियों पर रिसर्च किया है। इसके अलावा डा. कार के मानसिक बीमारियों का चुंबक विधि से इलाज पर काफी रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए हैं।
केजीएमयू डेंटल यूनिट में मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग की वरिष्ठ डॉ. दिव्या मेहरोत्रा को वैज्ञानिक की लिस्ट में शामिल है। डा. दिव्या के अब तक 135 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने सबसे ज्यादा मुंह के कैंसर से पहले की स्थिति का पता लगाने व इलाज पर रिसर्च किया हैं। इसके अलावा चेहरे की विकृति को दूर करने पर लगाता में भी शोध किए हैं।
केजीएमयू रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. सूर्य कान्त के अब तक 700 से अधिक रिसर्च पेपर राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय जनरल में प्रकाशित हो चुके हैं। डा. सूर्यकांत ने सबसे ज्यादा फेफड़े की टीबी पर रिसर्च किया है आैर इसके रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए हैं। कोरोना संक्रमण के बाद होने वाली समस्याओं पर भी डॉ. सूर्यकांत ने शोध किया है।
यह भी हुए सम्मानित
-बाल रोग विभाग की वरिष्ठ डॉ. रश्मि कुमार को सेवानिवृत्त के बाद यह सम्मान मिला है
-बाल रोग विभाग की प्रमुख डॉ. शैली अवस्थी
-बायोकेमेस्ट्री विभाग के प्रमुख डॉ. अब्बास अली मेहँदी को लगातार रिसर्च करने व पेपर प्रस्तुत करके केलिए सम्मानित किया गया है।