NEWS : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि टीमवर्क के नतीजे हरदम बेहतर होते हैं। रोगों के रोकथाम में एम्स सहित अन्य चिकित्सा संस्थानों को भी उसी भूमिका में आना पड़ेगा। शीर्ष संस्थानों से यही अपेक्षा भी की जाती है। लैब से बेहतर शोध फील्ड में हो सकता है। इसलिए फील्ड में जाकर काम करें
। इलाज अंतिम विकल्प है। शुरुआत रोकथाम से ही करें। रोकथाम से ही पूर्वी उत्तरप्रदेश में चार दशकों से मासूमों की काल बनी इंसेफ्लाइटिस पर नियंत्रण मिला। अब हम इसके खात्मे के करीब हैं।कमोबेस यही स्थिति कोरोना की भी है।हम इसके खिलाफ जंग जितने ही वाले हैं। पर तब तक ढिलाई की कोई जरूरत नहीं। इस तरह के कामों के लिए एम्स नजीर बन सकता है।
मुख्यमंत्री यहां एम्स में गुरुवार को आयोजित ‘स्वस्थ पूर्वी उत्तर प्रदेश- एक पहलÓ अभियान के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश पर प्रकृति व परमात्मा की असीम कृपा है। इसलिए यहां देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा है। गोरखपुर- बस्ती मंडल, पूर्वी-उत्तरी बिहार व नेपाल के लगभग पांच करोड़ लोगों की स्वास्थ्य सेवा की जिम्मेदारी गोरखपुर पर है। जब हम समस्या को ठीक से समझ लेते हैं तो बेहतर परिणाम आता है। यहां लोगों ने लंबे समय तक इंसेफ्लाइटिस से होती मौतों को देखा है। 38 जिले इससे सीधे प्रभावित थे। 1977 से मौतें हो रही थीं। इस बीमारी से प्रभावित लोग वोट बैंक तो बने लेकिन इनके बारे में किसी भी दल ने सत्ता में आने के बाद सोचा तक नहीं।
बतौर सांसद इसे मैंने सड़क से लेकर संसद में मुद्दा बनाया। मुख्यमंत्री बनने के बाद इसकी रोकथाम के लिए प्रभावी प्रयास शुरू किया। आज इंसेफ्लाइटिस पर हमने लगभग 95 फीसद नियंत्रण पा लिया है। एक साल में 600 से 1200 मौतें होती थीं। इस साल इनकी संख्या 21 से 25 के बीच है। यदि हम पोलियो पर विजय प्राप्त कर सकते हैं तो आने वाले दिनों में टीबी को भी नियंत्रित करने में सफल होंगे। जरूरत सिर्फ सकारात्मक भाव काम करने की है।
स्वागत एम्स की निदेशक प्रो. सुरेखा किशोर ने किया। उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश के सेहत सुधार की पूरी रूपरेखा प्रस्तुत की। संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डा. प्रियंका द्विवेदी व डा. अमरप्रीत कौर ने किया।