डायलिसिस पर चल रहे खानपान का इस तरह रखें ध्यान

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ऑप्टिमाइजिंग डायलिसिस” पर सीएमई का सफल आयोजन — डायलिसिस तकनीशियनों के ज्ञानवर्धन पर विशेष जोर

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लखनऊ। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के नेफ्रोलॉजी विभाग द्वारा ”ऑप्टिमाइजिंग डायलिसिस” विषय पर एक सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम सीएमई का सफल आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन विभागाध्यक्ष डॉ. अभिलाष चंद्रा द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “डायलिसिस तकनीशियन किडनी रोगियों की देखभाल की रीढ़ हैं, और उनके सतत प्रशिक्षण से ही उपचार की गुणवत्ता में सुधार संभव है। उन्होंने कहा की जब हमारे गुर्दे काम करना बंद कर देते हैं तो डायलिसिस के माध्यम से विषैला पदार्थ को बाहर निकलने का काम किया जाता है भौतिकतावाद के युग में लोग मानसिक शारीरिक कष्ट से गुजर रहे हैं अधिक मानसिक तनाव लेने की वजह से लोगों को बीपी शुगर और किडनी की समस्या से जुड़ना पड़ रहा है उन्होंने कहा किडनी से ग्रसित व्यक्ति को अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए नमक की मात्रा कम करनी चाहिए और सब्जियां ताजे फल का सेवन करना चाहिए इस अवसर पर नेफ्रोलॉजी की डॉक्टर नमता राव ने कहा कि व्यक्ति यदि अपने रहन-सहन खान-पान पर ध्यान दें तो किडनी की बीमारियों से बच सकता है उन्होंने कहा किडनी से ग्रसित व्यक्ति को नशे से बचना चाहिए शराब बियर सिगरेट तंबाकू का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए ।

उन्होंने कहा अधिक तेल मसाला से बनी हुई चीजों का भी प्रयोग नहीं करना चाहे। डायलिसिस कोई इलाज नहीं है बल्कि किडनी से ग्रसित व्यक्ति के बेहतर स्वास्थ्य के लिए डायलिसिस करना आवश्यक होता है। इस अवसर पर डॉ. विशाल पूनिया ने कहा कि किडनी से ग्रसित मरीज को चिकित्सकों की राय लेनी चाहिए डॉक्टर की देखरेख में डायलिसिस करनी चाहिए और समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लेते रहना चाहिए।

इस अवसर पर मेदांता अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. आर.के. शर्मा ने डायलिसिस की गुणवत्ता मापदंडों पर प्रकाश डाला।
सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस् डॉ. रंजीत गंगवार, डॉक्टर शैलेंद्र डॉ. सांत पांडे, डॉ. राजेश जायसवाल एवं डॉ. नेहल अग्रवाल द्वारा की गई।

कार्यक्रम के अंत में डॉ. नम्रता राव एस, आयोजन सचिव, ने प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि इस प्रकार के सीएमई से तकनीशियनों में व्यावहारिक दक्षता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण दोनों का विकास होता है। सीएमई में विभिन्न केंद्रों से आए डायलिसिस तकनीशियनों और स्वास्थ्यकर्मियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

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