सुधर रही पीड़ित महिलाओं की जिंदगी

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लखनऊ । दहेज उत्‍पीड़न, एसिड अटैक समेत शोषण का शिकार हुई महिलाओं के मनोबल बढ़ाते हुए उनको रोजगार देकर समाज की मुख्‍यधारा से जोड़ने का काम प्रदेश की योगी सरकार कर रही है। योगी सरकार पीड़ित महिलाओं को विभिन्‍न प्रोफेशनल कोर्स करा कर उनके सपनों को साकार कर रही है। इसमें एमबीए, होटल मैनेजमेंट समेत कई अन्‍य प्रोफेशनल कोर्सों के जरिए उनको रोजगार की मुख्‍यधारा से जोड़ने का काम प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है।
उत्‍तर प्रदेश की महिलाओं व बेटियों की सुरक्षा, सम्‍मान और स्‍वावलंबन के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार की स्‍वर्णिम योजनाएं पीड़ित महिलाओं की जिंदगी को संवार रहीं हैं। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के वृहद अभियान ‘मिशन शक्ति’ के जरिए महिलाओं व बेटियों के कदम विकास पथ पर बढ़ रहे हैं। पीड़ित महिलाओं को स्‍वावलंबी बनाने के उद्देश्‍य से कौशल विकास मिशन के तहत उनको सीधे तौर पर रोजगार मुहैया कराया जा रहा है।

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*पढ़ाई संग जरूरतमंद बच्‍चों को दे रहीं निशुल्‍क शिक्षा*
डालीगंज निवासी पीड़िता ने बताया कि प्रदेश में योगी सरकार की स्‍वर्णिम योजनाओं से मेरे जैसी अन्‍य बेटियों को सकारात्‍मक दिशा मिली है। लखनऊ के बालगृह में आश्रय मिलने के बाद सरकारी योजनाओं के तहत मुझे स्किल डेवलेपमेंट कोर्स कराए गए। मैंने वहां पर कौशल विकास मिशन के तहत होटल मेनेजमेंट का कोर्स किया। मैं अपनी पढ़ाई के साथ अब दूसरे जरूरतमंद बच्‍चों की जिन्‍दगी को भी संवारने का काम कर रहीं हूं। मैं लगभग 200 जरूरतमंद बच्‍चों को निशुल्‍क शिक्षा दे रहीं हूं।

*दस हजार बेटियों को मिली मदद*
वन स्‍टॉप सेंटर की इंचार्ज अर्चना सिंह ने बताया कि महिलाओं व बेटियों को आत्‍मनिर्भर बनाने की दिशा में योगी सरकार की योजनाएं कारगर साबित हो रहीं हैं। प्रदेश के सभी जनपदों में संचालित सखी सेंटर से पीड़िताओं को सशक्‍त बनाया जा रहा है। कौशल विकास मिशन के तहत लगभग 10 हजार महिलाओं व बेटियों को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है। इसके साथ ही कंप्‍यूटर प्रशिक्षण, सिलाई समेत अन्‍य रोजगार के साधनों के लिए उनको सेंटर में प्रशिक्षित किया जा रहा है।

*बालगृहों के 4,429 संवासियों को मिला प्रशिक्षण*
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रदेश के बालगृहों में कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। विभाग की ओर से लखनऊ, मेरठ, आगरा, वाराणसी, कानपुर, मथुरा, गौतमबुद्धनगर, प्रयागराज, बरेली व गोरखपुर के बालगृहों के 4,429 संवासियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

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