सोशल मीडिया का दुरुपयोग ना होने दे: अदिति सिंह

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Photo Source: amplenews

लखनऊ के प्रेस क्लब में कांग्रेस के युवा नेत्री सुश्री अदिति सिंह ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस प्रेस वार्ता में अदिति सिंह ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग और भारत में स्वच्छता अभियान से जुड़े मुद्दों को उठाया. इस मौके पर उनके पिता और रायबरेली सदर क्षेत्र के विधायक श्री अखिलेश सिंह भी मौजूद थे.

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अदिति सिंह ने कहा कि भारत में युवाओं की आज बड़ी जिम्मेदारी है. आने वाले विधानसभा चुनाव में युवाओं को सोच समझ कर फैसला करना होगा जाति और धर्म से ऊपर उठकर फैसला करना होगा. युवाओं को बचना होगा सोशल मीडिया पर होने वाली अफवाहों से. आज हमारे युवाओं पर सोशल मीडिया हावी होता जा रहा है. हम बिना सोचे समझे छेड़छाड़ की हुई फोटोस और वीडियोस को फॉरवर्ड करते हैं. जिससे कई बार जातिगत और धार्मिक उन्माद फैलता है. सोशल मीडिया जो कि सामाजिक मेल भाव बढ़ाने का एक माध्यम था.

हम किसी विवाद को बड़े विवाद में बदलने से रोक सकते हैं –

वह कुछ लोगों द्वारा लोगों को लड़ाने के लिए प्रयोग किया जा रहा है. मेरा युवाओं से अनुरोध है सोशल मीडिया पर आने वाले किसी भी मैसेज की पहले जांच करें तभी उस खबर पर विश्वास करें. और यदि हमें किसी दो संप्रदाय में विवाद की खबर सुनने को मिलती है. और यदि वह सच भी है तो उसे उन लोगों तक पहुंचाएं जो उस विवाद को रोक सकते हैं. उन लोगों तक ऐसी खबर को पहुंचाने की आवश्यकता नहीं जिनका इस विवाद को रोकने में कोई योगदान नहीं होता. ऐसा करके हम किसी विवाद को बड़े विवाद में बदलने से रोक सकते हैं. चुनाव आ रहा है और इस प्रकार का दुरूपयोग बढ़ेगा हमें इस से बचने की जरूरत है.

सेप्टिक टैंक आदि की सुविधा नहीं है –

अदिति सिंह ने स्वच्छ भारत की बात करते हुए कहा कि हम स्वच्छता अभियान का प्रचार प्रसार तो कर रहे हैं पर सिर्फ बात करने से कुछ नहीं होता. मैंने अपने क्षेत्र में यह पाया कि लोगों को शौचालय तो बनवा दिए गए हैं लेकिन उन्हें उनके प्रयोग का तरीका नहीं पता और जिन्हें पता भी है वहां पानी की सुविधा नहीं है. सेप्टिक टैंक आदि की सुविधा नहीं है. बगैर सेप्टिक टैंक आदि के शौचालय का कोई अर्थ नहीं है. मैंने भी देखा है कि लोग शौचालय का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. हमें लोगों की सोच बदलने की आवश्यकता है.

पंचायत स्तर पर जाकर काम करना होगा –

सरकार को चाहिए कि सिर्फ टीवी रेडियो के विज्ञापन से नहीं बल्कि नुक्कड़ नाटक, ग्राम पंचायत, पंचायत मित्रों, एनजीओ आदि के माध्यम से सीधा संवाद करके लोगों को शौचालय इस्तेमाल करने के तरीके और उसके फायदे के बारे में समझाया जाए. साथ ही हमें कूड़े के ढेर के निस्तारण के बारे में पंचायत स्तर पर जाकर काम करना होगा. जब तक पूरे की रिसाइक्लिंग नहीं होगी तब तक ऐसे स्वच्छता अभियान का कोई अर्थ नहीं है. गंदगी को एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित कर देने से सफाई नहीं हो जाती.

सफाई के प्रति हमारी जिम्मेदारी –

उन्हें आगे कहा कि स्वच्छ देश के लिए हमारी भी ज़िम्मेदारी है एक नागरिक के तौर पर कि हम अपने घर बाहर सफाई का ध्यान रखें. मैंने अपनी पढ़ाई के दौरान विदेश और अपने देश में एक खास फर्क जो देखा है वह है सफाई के प्रति हमारी जिम्मेदारी. हमें इस फर्क को भरना होगा. जिस तरह केंद्र सरकार ने टूटी सड़कों की फोटो खींचकर सरकार को भेजकर जानकारी देने की योजना चलाई है. एक ऐसी एप्प एक ऐसी योजना गंदे स्थानों की फोटो भेज कर सरकार को अवगत करने की भी होनी चाहिए. जिससे सरकार उस क्षेत्र के संबंधित अधिकारी को निर्देश दे सके.

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