लखनऊ । राजधानी के विश्वविद्यालय के शिक्षक से डिप्टी सीएम तक पहुंचे डॉ. दिनेश शर्मा का नाम आते ही लोगों के दिमाग में एक शालीनता सौम्य छवि दिखती है। राजनीति व समाज में इनकी अलग ही पहचान है। स्कूल से लेकर एमकाम तक प्रथम श्रेणी में रहने वाले डॉ शर्मा दस साल के महापौर के कार्यकाल में उन पर एक भी दाग नहीं लगा। राजधानी लखनऊ में महापौर के पद पर भाजपा का कब्जा बरकरार रखने के साथ ही सबसे अधिक मतों से जीत का लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में नाम भी दर्ज कराया उन्होंने कभी भी अपनी जीत को अपना न मानकर पार्टी की जीत ही माना।
प्रदेश के नये डिप्टी सीएम की पहचान भाजपा व संघ के समर्पित कार्यकर्ता के तौर पर होती है। पीएचडी की शिक्षा प्राप्त करने के बाद लविवि में शिक्षक बने डॉ. दिनेश शर्मा ने वर्ष 2006 में लखनऊ के महापौर का पद स्म्भाला। प्रदेश में भाजपा की सरकार ने होने के बाद भी उन्होंने नगर निगम में अपनी अलग ही छवि बनायी। जनता के महापौर डॉ. शर्मा ने लखनऊ के करीब हर इलाके का दौरा कर जनसमस्याओं को दूर किया। नतीजा वर्ष 2012 में हुए नगर निगम चुनाव में डॉ. शर्मा ने रिकार्ड मतों से जीत हासिल कर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज की गयी।
डॉ दिनेश शर्मा यूपी मेयर काउन्सिल के अध्यक्ष रहने के साथ ही राष्ट्रीय युवा आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं। जेरूसलम इजराइल में 71 देशों के सम्मेलन में वल्र्ड मेयर कान्फ्रेंस में वह मोस्ट आनरेबिल मेयर सम्मान से भी नवाजे गये। पर्यटन निगम के उपाध्यक्ष के तौर पर उन्होंने अपनी अलग पहचान बनायी। युवा व खेल मंत्रालय के सदस्य रहे डॉ. शर्मा विद्युत परिषद के भी सदस्य भी रहे।
राजनीतिक सफर महापौर लखनऊ व प्रदेश अध्यक्ष, यूपी मेयर काउन्सिल, पूर्व सदस्य राष्ट्रीय युवा आयोग, पूर्व उपाध्यक्ष पर्यटन नगिम, पूर्व सदस्य संचालन समिति राष्ट्र पुननिर्माण युवा वाहिनी युवा व खेल मंत्रालय भारत सरकार, पूर्व सदस्य विद्युत परिषद लोक नायक शारीरिक शिक्षा संस्थान। भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के पूर्व सदस्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व उपाध्यक्ष भाजयुमो। भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, प्रभारी गुजरात, अभा सदस्यता अभियान प्रमुख।