प्रदेश में हार्ट अटैक के मरीजों को यह इलाज

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लखनऊ। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा है कि दिल के मरीजों में की संख्या में तीन गुणा बढ़ोत्तरी होना चिंता का विषय है। श्री टंडन शनिवार को यहां स्टेमी इंडिया तथा कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया, एसोसिएशन ऑफ़ फिजिशियन्स ऑफ़ इंडिया और स्टेंट-सेव अ लाइफ पहल के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय’स्टेमी-इंडिया 2018″सम्मलेन का उद्घाटन करते हुए सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने कहा तमिलनाडु में स्टेमी दिल के दौरे के क्लीनिकल प्रबंधन के मॉडल ने सराहनीय नतीजे मिले हैं।

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प्रदेश में भी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के ह्मदय रोग का’ हब”बना कर, यही मॉडल प्रस्तुत करने से बेहतर नतीजे मिल सकते है। सम्मलेन का मुख्य उद्देश्य है उत्तर प्रदेश राज्य में’ हार्ट अटैक टीम”को स्थापित करके ह्मदयाघात प्रबंधन कार्यक्रम लागू करना है। स्टेमी इंडिया 2018 के निदेशक और किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के लॉरी कार्डियोलॉजी के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. वी एस नारायण ने कहा कि हार्ट अटैक का तत्काल क्लीनिकल मैनेजमेंट एक चुनौतीपूर्ण समस्या है। यदि इसका समय रहते इसका इलाज नही किया तो मरीज की जान भी जा सकती है।

केजीएमयू के वरिष्ठ ह्मदय रोग विशेषज्ञ व कार्यक्रम आयोजक प्रोफेसर डॉ. ऋषि सेठी ने बताया कि स्टेमी दिल के दौरे में ह्मदय की प्रमुख धमनी में अचानक अवरोध हो जाता है। साधारण दिल के दौरे में अक्सर ह्यदय की प्रमुख धमनी में अवरोध नहीं होता है। स्टेमी दिल का दौरा अत्यंत घातक है। समय पर सही इलाज के द्वारा मृत्यु दर को काफ़ी हद तक कम किया जा सकता है। अगर 90 मिनट के अन्दर मरीज को उचित उपचार मिल सके तो उसकी जान बच सकती है।

उन्होने बताया कि देश में प्रतिवर्ष स्टेमी से पीड़ित 30 लाख रोगियों में से केवल दो प्रतिशत को समय रहते सही इलाज मिल पाता है। अगर आकंड़ों को देखा तो अधिकाँश स्थितियों में रोगी को अस्पताल पहुँचने में ही 300 मिनट लग जाते हैं। इस समस्या का निदान करने के लिए, स्टेमी इंडिया ने दिल के दौरे के चिकित्सकीय प्रबंधन में सुधार लाने के लिए एक मॉडल विकसित किया है, जिसमें हार्ट अटैक टीम की सहायता से, रोगी को समय से उचित इलाज उपलब्ध करवाया जा सकता है।

स्टेमी इंडिया की स्थापना कोवई मेडिकल सेंटर और अस्पताल के ह्मदयरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ थॉमस एलेग्जेंडर और मद्रास मेडिकल मिशन चेन्नई के ह्मदय रोग विभाग के निदेशक डॉ अजीत मुल्लासरी ने की थी। स्टेमी इंडिया के निदेशक डॉ थॉमस एलेग्जेंडर द्वारा कोवई-इरोड में किये गए प्रारंभिक चिकित्सकीय पायलट शोध पर आधारित है तमिल नाडू प्रदेश का स्टेमी कार्यक्रम।

डॉ थॉमस एलेग्जेंडर ने कहा कि स्टेमी इंडिया ने ह्मदयाघात प्रबंधन के लिये एक अनूठे’मॉडल ऑफ़ केयर”को विकसित किया है, जिसके कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकारों, निर्धन रोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा सेवाओं और राजकीय एम्बुलेंस सेवाओं में परस्पर सहयोग आवश्यक है। इस मॉडल के तहत हर एम्बुलेंस तथा अस्पताल में एक’स्टेमी किट”फिट किया जाता है जिसके द्वारा रोगी का ईसीजी (इलेक्ट्रो कार्डियोग्राम) रिकॉर्ड करके बड़े अस्पताल में भेजा जा सकता है। अनुभवी ह्मदय रोग विशेषज्ञ की एक टीम 24 घंटे कॉल पर उपलब्ध रहती जो उनके मोबाइल फोन पर स्टेमी इंडिया एॅप द्वारा भेजी गयी, ईसीजी रिपोर्ट का निदान करते हैं।

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