पुलिस में रिक्त पदों पर भर्ती होगी बडी चुनौती

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लखनऊ । राजधानी में कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से लाने के लिए पुलिस महकमें में करीब डेढ़ लाख रिक्त पदों पर भर्ती का वादा भाजपा ने किया है। प्रशिक्षण केंद्रों की कमी के चलते इतली जल्द भर्ती प्रक्रिया को पूरी कर पाना बहुत कठिन ही नहीं आसान भी नहीं है। पहले भी भर्ती प्रक्रिया न्यायलयी दांव-पेंच में उलझ पडी है। एक बैच को प्रशिक्षण में कम से कम एक साल का समय लग सकता है। एक साथ 35 हजार से अधिक आरक्षी प्रशिक्षित नहीं किये जा सकते हैं।

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कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर 15 सालों की बसपा और सपा सरकार को कठघरे में खड़ा करने के साथ भाजपा ने सुशासन मुद्दा का सहारा लेकर भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में पुलिस तंत्र में सुधार करने का वादा करने का वादा किया है पुलिस में डेढ़ लाख रिक्त पदों को संवैधानिक आरक्षण व्यवस्था का सम्मान करते हुए बिना जाति और धर्म के पक्षपात के सिर्फ मेरिट के आधार पर भरा जायेगा। भाजपा पुलिस में सभी रिक्त आरक्षण का सम्मान करते हुए बिना जाति और धर्म के पक्षपात के सिर्फ मेरिट के आधार पर भरा जायेगा। भाजपा ने पुलिस में सभी रिक्त आरक्षित पदों को भी एक साल में भरने का वादा किया है। जबकि पिछली सरकार ने कैबिनेट की मंजूरी के बाद इंस्पेक्टर के 2362 पद, दरोगा के 21004 और मुख्य आरक्षी के 7201नये पदों का सृजन करते हुए शासनादेश जारी कर दिया था। अभी करीब 35 हजार सिपाहियों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू है।

चनौती होगी प्रशिक्षण केंद्रों की कमी होना पुलिस ट्रेनिंग स्कूल मीरजापुर के चुनार में रिक्रूट प्रशिक्षण केद्र और मरेठ, उन्नाव, गोरखपुर के साथ मुरादाबाद में पुलिस प्रशिक्षण स्कूल में सिपाहियों को प्रशिक्षित किया जाता है। सीतापुर और मुरादाबाद के पुलिस प्रशिक्षण कालेज में दरोगा को प्रशिक्षित किया जाता है। जबकि इनसे ऊपर के अधिकारियों के लिए पुलिस अकादमी मुरादाबाद में प्रशिक्षण दिया जाता है। यहां से डीएसपी को प्रशिक्षण मिलने के बाद सीतापुर में आम्र्स पुलिस प्रशिक्षण दिया जाता है। सुल्तानपुर, काल्पी में नये प्रशिक्षण स्कूल बन रहे है इसके अलावा बाह और इटावा में प्रस्तावित है।

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