न्यूज। भारतीय मूल के वैज्ञानिक सहित अन्य शोधकर्ताओं ने कैंसर की उन दवाइयों की पहचान कर ली गयी है, जिनका ह्रूमन पेपिलोमा वायरस से होने वाले संक्रमणों का इलाज करने में पुन: इस्तेमाल किया जा सकता है। बताते चले कि यह वायरस यौन संबंध से फैलने वाला सबसे आम संक्रमण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार आंकड़ों को देखा जाए तो एचपीवी संक्रमणों से होने वाले सर्विकल कैंसर से वर्ष 2012 में लगभग 266,000 मौतें हुई।
एचपीवी संक्रमण के खिलाफ अत्यधिक प्रभावशाली टीके मौजूद हैं, जिनमें हाल ही में मंजूर किया गया गार्डासिल 9 शामिल है जो सर्विकल, योनिमुखीय, योनि आैर गुदा संबंधी कैंसर तथा जननांगों पर मस्से के लिए जिम्मेदार एचपीवी के नौ जीनोटाइप के खिलाफ रक्षा करता है।
हालांकि यह टीका किसी व्यक्ति के यौन रूप से सक्रिय होने से पहले देना होता है क्योंकि एचपीवी संक्रमण होने पर इसका असर नहीं पड़ता। इन दवाओं को अभी आैर मानकों परखा जा रहा है। फिलहाल दवाओ की पहचान ही एक बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है।
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