एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट में नयी रिसर्च : सही वाल्व का चयन बचाएगा मरीजों की जान

0
96

वाल्व प्रत्योरण के बाद कम लोगों में होगी परेशानी

Advertisement

36.4 फीसदी में गंभीर रूप खराब लगा मिला एरोटिक वाल्व

लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई के कार्डियोलॉजी विभाग की प्रो. अंकित साहू ने एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट (एवीआर) के मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण शोध प्रस्तुत किया, जिसमें वाल्व चयन के सही तरीके पर प्रकाश डाला गया। शोध से यह स्पष्ट हुआ है कि हर मरीज के लिए एक अलग एरोटिक वाल्व की जरूरत होती है और एक जैसा वाल्व सभी मरीजों में प्रभावी नहीं होता।
शोध में 55 रोगियों का 2डी-ईको के माध्यम से मूल्यांकन किया गया, जिसमें पाया गया कि 36.4 फीसदी मरीजों में गंभीर वाल्व मिसमैच (प्रोस्थेसिस पेशेंट मिसमैच – पीपीएम) पाया गया। इस समस्या का असर महिलाओं में अधिक था, जहां 25.5 फीसदी महिलाओं में यह गंभीर समस्या थी। शोध में यह भी पाया गया कि शरीर के आकार और वाल्व के आकार के बीच घनिष्ठ संबंध है, जो वाल्व चयन की सफलता को प्रभावित करता है।

‌‌ प्रो. साहू ने बताया कि सही वाल्व का चयन करते समय मरीज की उम्र, लिंग और शरीर के आकार को ध्यान में रखना जरूरी है। इससे न केवल इलाज की सफलता बढ़ती है, बल्कि मरीज को वाल्व रिप्लेसमेंट के बाद होने वाली समस्याओं से बचाया जा सकता है। वहीं, पीपीएम (वाल्व मिसमैच) के कारण मरीजों की मृत्यु दर 20 से 35 फीसदी तक हो सकती है। ऐसे में सही वाल्व के चयन से गंभीर समस्याओं को टाला जा सकता है। प्रोफेसर साहू ने इस शोध को कार्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया के अधिवेशन में प्रस्तुत किया और इसे हृदय रोगियों के इलाज में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश किया।

क्या है एरोटिक वाल्व की परेशानी?

एरोटिक वाल्व में खराबी होने पर रक्त का प्रवाह सही तरीके से नहीं हो पाता, जिससे दिल पर दबाव बढ़ता है और हार्ट फेल हो सकता है। इसके इलाज के लिए सर्जरी के दौरान पुराने खराब वाल्व को हटा कर कृत्रिम वाल्व लगाया जाता है, जिससे रक्त प्रवाह सामान्य हो सके।

वाल्व का महत्व

हृदय में चार प्रकार के वाल्व होते हैं – ट्राइकसपिड, पल्मोनरी, माइट्रल, और एरोटिक। ये वाल्व रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए खुलते और बंद होते हैं। अगर कोई वाल्व ठीक से नहीं खुलता या बंद नहीं होता, तो इससे रक्त प्रवाह पर असर पड़ता है, जिससे दिल पर अतिरिक्त दबाव बनता है।

Previous articleविहिप महानगर अवध प्रांत का धर्म रक्षा निधि पूजन कार्यक्रम सम्पन्न
Next articleपूरे प्रदेश में 1600 डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर मरीज देखे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here