लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को गोमती नगर स्थित इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में उत्तर प्रदेश वाणिज्य कर सेवासंघ के वार्षिक अधिवेशन में मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे। अधिवेशन में भाग लेने के लिए प्रदेश भर से वाणिज्य कर अधिकारी भाग ले रह है। अधिवेशन में अधिकारी जीएसटी लगने के एक साल बाद भी कैडर्र पुर्नगठन न होने सहित अन्य समस्याओं को ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौपेंगे। संघ के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यमंत्री अधिवेशन के प्रथम सत्र का शुभारम्भ करेगें, दोपहर 3 बजे से तकनीकी सत्र होगा, जिसमें अन्य समस्याओं पर विचार से चर्चा होगी तथा संघ अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
बताते चले कि जुलाई 2017 में जीएसटी लगने से पहले ही देश के अन्य राज्यों में जीएसटी के मुताबिक कैडर्र पुर्नगठन कर दिया गया था, इसके साथ ही अन्य राज्यों में विभाग का नाम भी वाणिज्य कर विभाग से बदल कर जीएसटी विभाग कर दिया गया था, लेकिन इसे विडम्बना ही कहा जा सकता है कि देश के सबसे बड़े उपभोक्ता राज्य उत्तर प्रदेश में न तो आज तक कैडर्र पुर्नगठन ही हुआ आैर न ही विभाग का नाम ही बदला है। सरकार को वाणिज्यकर विभाग को सबसे अधिक टैक्स मिलता है। कैडर्र पुर्नगठन की मांग अधिकारी जीएसटी लगने से पहले से उठाते आये हैं, इसको लेकर अधिकारियों ने आन्दोलन भी किया आैर विधानसभा तक मार्च भी निकाला लेकिन यूपी सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
कार्यालयों की दशा आज भी खराब है आैर राजमार्गो पर टैक्सचोरी का माल पकड़ने के लिए गठित की गयी सचल दल अधिकारियों की टीमें पुरानी धक्का परेट गाड़ियोंपर चलती नजर आ रही हैं। यही नहीं विभाग के ज्वाइंट कमिश्नरों के वेतन में भारी विसंगति है आैर अधिकारियों की आवासीय कालोनी में बने मकानों की खस्ता हाल में है। राजधानी के सबसे बड़े मंडल कार्यालय में न तो पीने के पानी की व्यवस्था है आैर न ही अनुभागों में बैठने के लिए फर्नीचर ही है। तैनाती पर आने वाले अधिकारी अपने कक्षों में खुद ही फर्नोचर से लेकर रंगरोगन तक करवाते हैं। आलम यह है कि सरकार के स्वच्छ मिशन अभियान में सभी कार्यालयों में सफाई को लेकर सख्त तेवर दिखाए तो अधिकारियों ने आपस में चंदा जमा करके इमारत के अलग-अलग हिस्से में पुताई करवानी पड़ी थी। अधिकारियों को उम्मीद है कि अधिवेशन में मुख्यमंत्री से रूबरू होकर जब मांगों का ज्ञापन दिया जाएगा तो हो सकता है,तब उनकी समस्या का समाधान हो सके।
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