न्यूज। पश्चिम अफ्रीका में इबोला बीमारी के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जो मुश्किल सबक सीखा उनमें से एक यह था कि अन्य बीमारियों को भुलाया जा सकता है आैर लेकिन इससे मृतकों की संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है।
डब्ल्यूएचओ अब उप-सहारा अफ्रीका में मलेरिया के खिलाफ जंग को लेकर चेतावनी दे रहा है जिससे हर साल लाखों लोगों की यहां जान जाती हैं। उसका कहना है कि हर देश अपनी ऊर्चा आैर संसाधन फिलहाल कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में लगा रहे हैं ऐसे में मलेरिया के खिलाफ जंग में हम 20 साल पीछे हो सकते हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि नए अनुमान इंगित करते हैं कि सबसे बुरे परिदृश्य में उप-सहारा अफ्रीका में इस साल 7,96,000 लोगों की मौत हो सकती है क्योंकि इनसे निपटने के लिये अभियान बाधित हो गया है।
यह दो साल पहले की मौत की व्यापक गणना के दुगुने से भी ज्यादा है। तब 3.60 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इस साल का आंकड़ा वर्ष 2000 के बाद से इस क्षेत्र का सबसे बुरा आंकड़ा हो सकता है। अफ्रीका के लिये डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक मातशीडिसो मोइती ने गुरुवार को कहा, ”हमें वक्त को पीछे नहीं लेकर जाना चाहिए।””
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के चलते कई अन्य बीमारियों के खिलाफ वैश्विक लड़ाई प्रभावित होगी।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उप-सहारा अफ्रीका मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित है आैर 2018 में यहां इस बीमारी से होने वाले दुनिया के कुल मामलों में से 93 प्रतिशत सामने आए थे, जबकि दुनिया भर में हुई कुल मौतों में 94 प्रतिशत इसी क्षेत्र से हुई थीं। अधिकतर मरने वाले पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे थे।
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