लखनऊ। इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के चार दिवसीय 68वें वार्षिक सम्मेलन (आईओए कॉन्फ्रेंस) 2023 में शुक्रवार को आर्थोपैडिक सर्जरी विशेषज्ञों ने नयी तकनीक से सर्जरी की जानकारी दी आैर अपने अनुभव साझा किये। इकाना काम्प्लेक्स में आयोजित सम्मेलन में रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट, आर्थो ट्रामा विशेषज्ञ डा. संजय श्रीवास्तव ने रोबोटिक सर्जरी की तकनीकी जानकारी दी। वही केजीएमयू के आर्थोपैडिक विभाग के प्रमुख डा. आशीष ने आर्थोस्कोपिक सर्जरी का उपयोग स्पोर्टस इंजरी में करना सिखाया।
डा. संजय श्रीवास्तव ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी वर्तमान में सबसे सुरक्षित सर्जरी मरीज के लिए है। इस तकनीक से सर्जरी करने में मरीज का बहुत कम ब्लड लॉस होने के अलावा टू द प्वाइंट सर्जरी होती है। मरीज बहुत जल्दी रिकवर करता है। उन्होंने बताया कि आने वाले वक्त में रोबोटिक सर्जरी ही मरीज के लिए बेहतर साबित होगी। इसके लिए डाक्टरों को तकनीकी तौर पर ध्यान रखना होता है। केजीएमयू के आर्थोपैडिक विभाग के प्रमुख डा. आशीष ने बताया कि हड्डी की चोट में आर्थोस्कोपिक तकनीक से की गयी, सर्जरी बहुत कारगर हो रही है।
मरीज के घुटनें के साथ लिंगामेंट रेप्चर में बहुत आसानी से सर्जरी हो जाती है। सबसे ज्यादा खिलाड़िंयों को चोट लगती है। उनके लिगामेंट इंजरी के अलावा अन्य इंजरी में भी इस तकनीक से की गयी सर्जरी कारगर है। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में स्पोर्टस इंजरी विभाग में लगातार इस तकनीक से सफ ल सर्जरी हो रही है। आर्थोपैडिक सर्जरी विशेषज्ञ डा. संदीप गर्ग ने कहा कि हड्ी की चोट को बहुत हल्क में नहीं लेना चाहिए। कई बार हेयरलाइन फ्रेक्चर भी समय पर ठीक न होने पर बहुत दिक्कत करना है। इस लिए आर्थोपैडिक विशेषज्ञ से परामर्श लेकर ही इलाज करना चाहिए। सम्मेलन में विशेषज्ञ डाक्टर को कई सर्जरी के केस भी दिखा कर तकनीकी जानकारी दी।
कॉन्फ्रेंस 2023 के साइंटिफिक चेयरमैन डॉ. विनीत शर्मा ने कहा कि यह सम्मेलन केवल नई तकनीक सीखने के बारे में नहीं है, बल्कि दीर्घकालिक संबंध बनाने और आर्थोपेडिक समुदाय के भीतर पारदर्शिता और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देने के बारे में है।











