खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स दुनिया का एवर मल्टी स्पोर्ट्स

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लखनऊ। केन्द्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंाी अनुराग ठाकुर ने गुरूवार को कहा कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स और खेलो इंडिया अभियान दुनिया में लार्जेस्ट एवर मल्टीस्पोट््र्स इवेंट बन चुका है।

 

 

 

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के उद्घाटन के मौके पर ठाकुर ने कहा ” यह प्रधानमंाी नरेन्द्र मोदी की ही सोच थी जिन्होंने खेलो इंडिया यूथ गेम्स, यूनिवर्सिटी गेम्स, विंटर गेम्स की कल्पना की और खेलो इंडिया अभियान की शुरुआत की। आज हम कह सकते हैं कि दुनिया में लार्जेस्ट एवर मल्टीस्पोट््र्स इवेंट कोई है तो खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स और खेलो इंडिया अभियान है। आज दुनिया भर के लोग बहुत सारे देशों से इसको देखने आते हैं, समझने आते हैं।

 

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि ओलंपिक्स से आने के बाद जब पीएम ने खिलाड़यिों का मनोबल बढ़ाया था, तब उत्तर प्रदेश, देश का इकलौता ऐसा राज्य था जिसने देश के सभी खिलाड़यिों को बुलाकर सम्मानित भी किया और उनका मान बढ़ाया। इस खेल के मैस्कॉट जीतू ने भी सभी का दिल जीता है। हमने मशाल रैली से उत्तर प्रदेश के कोने-कोने में खेलों को बढ़ावा देने का एक संदेश भेजा है।

 

 

 

 

अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह पीएम मोदी की ही सोच थी जिन्होंने खेलो इंडिया यूथ गेम्स, यूनिवर्सिटी गेम्स, विंटर गेम्स की कल्पना की और खेलो इंडिया अभियान की शुरुआत की। आज दुनिया भर के लोग बहुत सारे देशों से इसको देखने आते हैं, समझने आते हैं। किसी भी खिलाड़ी को कोचिंग सेंटर चाहिए, कोच चाहिए या फिर कांप्टीशन चाहिए, हमने किसी में भी कोई कमी नहीं रखी। पीएम मोदी ने सबसे पहले खेल का बजट 874 करोड़ से बढ़ाकर कुछ वर्षों में 2462 करोड़ कर दिया। सैकड़ों कोचेस की नियुक्ति कर दी। यही नहीं, अब एक हजार खेलो इंडिया सेंटर देश भर में मिलने वाले हैं जो 15 अगस्त 2023 से पहले बन जाएंगे।

 

 

 

 

खेल मंाी ने कहा कि आज खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तीसरे संस्करण की शुरुआत हो रही है। पहले संस्करण में माा तीन हजार खिलाड़ी आए थे। इस बार सबसे ज्यादा 21 खेल और 208 यूनिवर्सिटी से 4700 से ज्यादा खिलाड़ी आ रहे हैं, ये भी बड़ी सफलता हमने प्राप्त की है। नई एजुकेशन पॉलिसी में भी बाकी विषयों की तरह खेलों को प्राथमिकता दी गई है। कांप्टीशन इतने की य़ूथ गेम्स, विंटर गेम्स और अब यूनिवर्सिटी गेम्स में रिकॉर्ड पार्टिसिपेशन हो रहा है। यही नहीं, हर इवेंट में नेशनल रिकॉर्ड तोड़ने के भी रिकॉर्ड टूटे हैं और इसमें भी भारत की बेटियों का इसमें सबसे बड़ा योगदान रहा है।

 

 

 

 

इनमें मनु भाकर, ऐश्वर्य प्रताप तोमर, दिया चितले, अंशु मलिक, मेहुली घोष जैसे तमाम सारे खिलाड़ी इसमें पार्टिसिपेट कर रहे हैं, जो ओलंपियन भी हैं और कई सारे इंटरनेशनल इवेंट में भारत के लिए मेडल भी जीते हैं।

 

 

 

पहले हमारे खिलाड़ी एक साल में माा 100 इवेंट में भाग ले पाते थे, आज 300 से अधिक इवेंट में भाग ले पाते हैं। ये तब संभव हुआ है, जब सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं।

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