लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में हीलिंग सेल्फ थ्रो सेल्फ रिलाइजेशन विषय में राजस्थान के इश्वरी विश्वविद्यालय ब्रह्माकुमारी बहन शिवानी के व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान में उन्होंने कहा कि चिकित्सकीय सेवा सबसे बड़ी सेवा है। कार्यक्रम में कुलपति ने केजीएमयू को नो एंगर जोन बनाने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम का संचालन पैरामेडिकल साइंसेस के डीन प्रो. विनोद जैन ने किया।
ब्रह्माकुमारी बहन शिवानी ने कहा कि चिकित्सीय पेशे में कर्म के साथ सेवा भी होती है, लेकिन अशांत मन और आक्रामक स्वभाव से सेवा पूर्ण नहीं होती और पहले से ही परेशान मरीज और अधिक परेशान हो जाता है। उन्होंने कहा कि खुद को बदलने पर ही प्रतिकूल माहौल बदलेगा।
ब्रह्माकुमारी बहन शिवानी ने कुलपति से निवेदन किया कि केजीएमयू को नो एगंर अस्पताल बनाए, जहां शांत मन से इलाज किया जा सके, क्योंकि आपकी मनोस्थिति का प्रभाव दूसरों को भी प्रभावित करता है। उनके इस निवेदन पर कुलपति ने केजीएमयू को नो एगंर जोन बनाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि अक्सर लोग प्रतिकूल परिस्थिति में क्रोध आने को स्वाभाविक प्रक्रिया मान बैठते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि जो जैसा सोचता है वह वैसा ही बन जाता है। इसलिए नकारात्मक सोचने से बेहतर है कि हम सकारात्मक विचारधारा मन में रखे, व्यर्थ सोचने से बचे और सात्विक कर्म और भोजन करें।
इस अवसर पर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा प्रदेश डॉ. रजनीश दुबे ने कहा कि ब्रह्माकुमारी बहन शिवानी का सरल एवं सुंदर वर्णन अद्भुत, अविस्मरणीय है। इस आयोजन से मिले लाभ को चिकित्सक, मरीजों के उपचार में प्रयोग करेंगे।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रह्माकुमारी राधा बहन, रजिस्ट्रार आरकेराय, डीन, स्टूडेंट वेलफेयर डॉ.जीपी सिंह, डीन नर्सिंग, डॉ. मधुमति गोयल, क्वीन मेरी अस्पताल की अधीक्षक डॉ. एसपी जायसवार, आर्थो विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रदीप टण्डन, अधिष्ठाता दंत संकाय, प्रो. शादाब मोहम्मद, पेरियोडोंटिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आर के चक, सहित सैकड़ों की संख्या में चिकित्सक, छात्र-छात्राएं एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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