जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर की हास्टल से कूद कर की थी आत्महत्या की कोशिश
लखनऊ। किं ग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के आरएच हॉस्टल की छत से कूदने वाली जूनियर रेजीडेंट डाक्टर व एमडी छात्रा की तबीयत स्थिर बनी हुई है। बुधवार को आर्थोपैडिक विशेषज्ञों ने रेजिडेंट डॉक्टर के दोनों पैरों के फ्रैक्चर की सर्जरी की। देर शाम तक सर्जरी चली। इलाज कर रहे डाक्टरों के मुताबिक फिलहाल में एमडी छात्रा की हालत स्थिर है। वह अभी भी वेंटिलेटर सपोर्ट पर चल रही है। हालत में सुबह तक वेंटिलेटर हटाया जा सकता है।
डॉक्टरों की टीम रेजिडेंट डॉक्टर की सेहत की निगरानी कर रही है। वही जूनियर रेजीडेंट डाक्टर के कथन की अपने स्तर जांच शुरू कर दी , जिसमें छात्रा ने वर्क प्रेशर का आरोप लगाया गया है। उधर घटना की जांच रही पुलिस की टीम को कमरे से एक नोट बरामद किया है, जिसमें लिखा है कि मै अपने माता पिता की आकांक्षाओं पर खरी नहीं उतर पा रही है। मै अपनी लाइफ से संतुष्ट नही है। मुझे माफ कर देना…।
केजीएमयू के मेडिसिन विभाग में तैनात कानपुर की जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने मंगलवार सुबह ड्यूटी से लौटने के बाद हॉस्टल की छत से छलांग लगा दी थी। सुरक्षा गार्ड व साथियों ने गंभीर हालत में रेजिडेंट डॉक्टर को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया था। भर्ती के दौरान जूनियर रेजिडेंट डाक्टर हालत गंभीर बनी हुई थी। ट्रॉमा सर्जरी विभाग के डॉ. समीर मिश्र व डॉ. अनीता सिंह के निर्देशन में रेजिडेंट का इलाज हो रहा है। उसकी हालत को देखते हुए डॉक्टर की सलाह पर छात्रा को वेंटिलेटर सपोर्ट पर भर्ती किया गया है।
हालत कुछ स्थिर होने के बाद बुधवार को आर्थोपैडिक डाक्टरों ने छात्रा के दोनों पैरों की टूटी हड्डी में फ्रैक्चर की सर्जरी की। उधर जूनियर रेजीडेंट डाक्टर के परिजनों अभी भी सदमें है। कमरे में मिले नोट के बारे में उनका कहना है कि अगर पढ़ाई को लेकर अगर कोई बात थी। उसको बात करना चाहिए था। आत्म हत्या जैसा कदम नहीं उठाना चाहिए था। इसके अलावा केजीएमयू प्रशासन इस घटना को लेकर अपने स्तर पर जांच कर रहा है। जांच में जूनियर रेजीडेंट डाक्टर का कमरा 206 को सील कर दिया है।
इससे पहले भी केजीएमयू के नवम्बर 2023 में एमबीबीएस फस्र्ट ईयर की छात्रा ने हास्टल में फंदे पर लटक कर जान दे दी थी।