भारत को आध्यात्मिक स्वतंत्रता दिलानी है- जगद्गुरु रामभद्राचार्य

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संस्कार देने का कार्य करता है संघ

लखनऊ। पदम विभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि भारत को आध्यात्मिक स्वतंत्रता दिलानी है। उन्होंने कहा कि हमें अब समान नागरिक संहिता चाहिए इससे देश का असंतुलन समाप्त हो जाएगा। उन्होंने रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ और गंगा को राष्ट्रीय नदी और हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35 ए हमें मर्म आहत कर रहे थे। हमारा लक्ष्य है हम पूरा कश्मीर लेंगे। हिंदी राष्ट्रभाषा घोषित होगी। शनिवार को अर्जुनगंज में महामना शिक्षण संस्थान के दीक्षारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

जगतगुरु ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संस्कार देने का कार्य करता है। जब देश में आजादी का सूर्योदय होने वाला था ऐसे समय में डॉ केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म हुआ। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की।
जगतगुरु रामभद्राचार्य जी ने कहा कि आजादी के बाद हम स्वतंत्रता को स्वच्छंदता समझ बैठे। हम शिक्षा की वास्तविकता को नहीं समझ पाए । इसलिए आज सर्वत्र क्षेत्र में क्रांति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गलत परंपराओं को बंद करने का नाम है क्रांति। बेटियों को हीन भाव से देखना ठीक नहीं है। उनको समान अवसर देना चाहिए। हमने देश को मातृभूमि कहा है माता भूमि पुत्रों हम पृथ्विया। वंदे मातरम गाया जाता है।
जगतगुरु ने कहा कि जहां से विद्यार्थियों को प्रकाश मिले उसे सामर्थ्यवान बनाया जाए उसे दीक्षा कहते हैं। हमें पुरुषार्थी होना चाहिए हम भाग को पुरुषार्थ में बदल सकते हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि संत रविदास धर्म और सेवा के कार्य को आगे बढ़ाया। वही क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद को याद करत हुए उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन का महत्वपूर्ण योगदान रहा। आजाद अंतिम समय तक आजाद रहे।
दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने भारतीय संस्कृति व परंपराओं के आधार परकी परिकल्पना को मूर्त रूप प्रदान किया था। आधुनिक भारत के निर्माण व स्वतंत्रता आंदोलन में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। महामना मालवीय शिक्षण संस्थान महामना मदन मोहन मालवीय के आदर्शों पर चलकर विद्यार्थियों में राष्ट्रीय चेतना निर्माण करने में सहायक होगा। होसबाले ने कहा कि महा मना शिक्षण संस्थान में आर्थिक दृष्टि से दुर्बल छात्रों को आधुनिक भारत के निर्माण के लिए तैयार किया जाता है। दीक्षारंभ भारत की संस्कृति का हिस्सा है। विद्यार्थी शिक्षक व गुरु जनों के सानिध्य में अपने जीवन को श्रेष्ठ और सफल बनाएं।

दीक्षा कार्यक्रम के मुख्य यजमान सपत्नीक डॉ नरेन्द्र अग्रवाल रहे।
भारत हमारा रत्न कमल प्यारा देश है गीत की सुन्दर प्रस्तुति हुई। महामना मालवीय जी के जीवन आदर्श और उनके द्वारा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के निर्माण पर नाटक का मंचन किया गया।

इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल जी, पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक अनिल जी, अवध प्रांत के प्रांत प्रचारक कौशल जी, सह प्रांत प्रचारक मनोज जी, संस्थान के संरक्षक प्रमोद तिवारी, केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एस.एन.शंखवार जी, बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन, डॉ विक्रम सिंह, डॉ विनय गुप्ता
डॉ एम एल बी भट्ट उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ संदीप तिवारी ने किया। महामना शिक्षण संस्थान के सचिव राजीव तिवारी ने आभार व्यक्त किया।

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