लखनऊ। प्रदेश के समस्त जनपदों में कोरोना के दौरान तैनात किए गए लगभग 5000 स्वास्थ्य कर्मचारियों को एक-एक माह का सेवा विस्तार दिया जा रहा था, मगर इस बार 31 मार्च के बाद इन कर्मचारियों के सेवा विस्तार का आदेश मिशन निदेशक एनएचएम के यहां से ना आने के कारण सभी जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों की सेवाएं रोकी जा रही है।
केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा कोरोना से लड़ने के लिए मानव संसाधन की कमी ना होने का निर्देश जारी किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ पिछले 2 वर्षों से तैनात कर्मचारियों को सेवा विस्तार भी नहीं दिया जा रहा है ।
संयुक्त स्वास्थ आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ की ओर से 15 दिन पहले ही शासन को पत्र भेजा गया था कि इन कर्मचारियों की विभिन्न जनपदों के चिकित्सालयों में जरूरत है। इसलिए इनको किसी अन्य योजना के अंतर्गत समायोजित किया जाए। मगर शासन की ओर से अभी तक कोई कार्यवाही ना होने के कारण कर्मचारियों की सेवाएं 31 मार्च को समाप्त हो गयी।
प्रांतीय महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा का कहन है कि इन कर्मचारियों की सेवा निरंतर जारी रखी जाएं। सेवा विस्तार ना मिलने से विभिन्न जनपदों के कर्मचारी जल्द ही लखनऊ के इको गार्डन में प्रदर्शन की तैयारी बना रहे हैं, क्योंकि इन कर्मचारियों ने महामारी के दौरान अपना जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा की है।