रोज 8-1० गिलास पानी पीएं। फल और कच्ची सब्जियां ज्यादा खाएं। अंगूर खाएं क्योंकि ये किडनी से फालतू यूरिक एसिड निकालते हैं। मैग्नीशियम किडनी को सही काम करने में मदद करता है, इसलिए ज्यादा मैग्नीशियम वाली चीजें जैसे कि गहरे रंग की सब्जियां खाएं। खाने में नमक, सोडियम और प्रोटीन की मात्रा घटा दें। 35 साल के बाद साल में कम-से-कम एक बार ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच जरूर कराएं।
ब्लड प्रेशर या डायबीटीज के लक्षण मिलने पर हर छह महीने में पेशाब और खून की जांच कराएं। न्यूट्रिशन से भरपूर खाना, रेग्युलर एक्सरसाइज और वजन पर कंट्रोल रखने से भी किडनी की बीमारी की आशंका को काफी कम किया जा सकता है।
खाने में इनसे करें परहेज –
फलों का रस, कोल्ड ड्रिंक्स, चाय-कॉफी, नीबू पानी, नारियल पानी, शर्बत आदि। – सोडा, केक और पेस्ट्री जैसे बेकरी प्रॉडक्ट्स और खट्ट?ी चीजें। – केला, आम, नीबू, मौसमी, संतरा, आडू, खुमानी आदि। – मूंगफली, बादाम, खजूर, किशमिश और काजू जैसे सूखे मेवे। चौड़ी सेम, कमलककड़ी, मशरूम, अंकुरित मूंग आदि। अचार, पापड़, चटनी, केचप, सत्तू, अंकुरित मूंग और चना। मार्केट के पनीर के सेवन से बचें। बाजार में मिलने वाले पनीर में नींबू, सिरका या टाटरी का इस्तेमाल होता है। इसमें मिलावट की भी गुंजाइश रहती है।
किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण –
पैरों और आंखों के नीचे सूजन, चलने पर जल्दी थकान और सांस फूलना, रात में बार-बार पेशाब के लिए उठना, भूख न लगना और हाजमा ठीक न रहना, खून की कमी से शरीर पीला पड़ना।
( नोट: इनमें से कुछ या सारे लक्षण दिख सकते हैं। )
विशेष –
किसी को भी दवाओं को लेकर एक्सपेरिमेंट नहीं करना चाहिए। बहुत-सी दवाएं, खासकर आयुर्वेदिक दवाओं में लेड और पोटैशियम ज्यादा मात्रा में होता है, जो किडनी के लिए बेहद नुकसानदेह साबित होता है।
किडनी खराब करने वाली आदतें –
- पेशाब आने पर करने न जाना
- रोज 7-8 गिलास से कम पानी पीना
- बहुत ज्यादा नमक खाना
- हाई बीपी के इलाज में लापरवाही बरतना
- शुगर के इलाज में कोताही करना
- बहुत ज्यादा मीट खाना
- ज्यादा मात्रा में पेनकिलर लेना
- बहुत ज्यादा शराब पीना
- पर्याप्त आराम न करना
- सॉफ्ट ड्रिंक्स और सोडा ज्यादा लेना