लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यहां कहा कि पर्व आैर त्योहार केवल एक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की प्राचीन विरासत के प्रतीक भी हैं।
लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित गोमती नदी के तट पर छठ पूजा के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा, ”पर्व आैर त्योहार केवल एक आयोजन नहीं है…ये हमारी सामाजिक एकता, आध्यात्मिक उन्नयन, भारत की प्राचीन विरासत के प्रतीक भी हैं।””
अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के अध्यक्ष प्रभुनाथ राय द्वारा आयोजित इस समारोह में गोमती तट पर उमड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भोजपुरी समाज आज देश आैर दुनिया के हर कोने में छठ पर्व की आस्था से जुड़ा है।
उन्होंने कहा कि छठ मैया की कृपा आमजन पर बने रहने की कामना करते हुए कहा कि दुनिया में ऐसे आयोजनों के उदाहरण मिलना मुश्किल है।
कार्यक्रम के दौरान योगी ने छठ गीतों का आनंद लिया आैर ‘भोजपुरिया सनेश” (भोजपुरी संदेश) स्मारिका का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ का कोई ड्रेनेज या सीवर गोमती में नहीं गिरेगा, पीलीभीत से गाजीपुर तक गोमती निर्मल व अविरल होगी।
योगी ने कहा कि छठ महापर्व विश्वभर में बसे भोजपुरी समाज को आत्मशुद्धि आैर लोक कल्याण के मार्ग से जोड़ता है।
उन्होंने भोजपुरी में शुभकामना देते हुए कहा, “छठ मईया के कृपा सबके ऊपर बनल रहे, सभन लोगन के परिवार में सुख-समृद्धि आैर खुशहाली रहे…।”
योगी ने कहा कि यह पर्व भारत की प्राचीन विरासत को दर्शाता है आैर प्रकृति से संवाद सिखाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पौराणिक काल से चली आ रही यह परंपरा अब पूरे भारत में फैल चुकी है आैर पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिमी इलाकों तक लाखों श्रद्धालु इससे जुड़ रहे हैं।
उन्होंने गाजियाबाद आैर नोएडा का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां 50 हजार से एक लाख तक भक्त छठ मना रहे हैं।
योगी ने कहा, ”कोई मंदिर, सरोवर या तालाब ऐसा नहीं है, जहां श्रद्धालु न जुड़े हों। यह एकता न केवल सांस्कृतिक है, बल्कि राष्ट्रीय एकजुटता का भी संदेश देती है।
उन्होंने कहा, ”यह पर्व हमें एक-दूसरे के साथ जोड़ता है आैर सामाजिक बंधन मजबूत करता है।””
योगी ने कहा कि कोई देश तब तक विकसित नहीं हो सकता, जब तक उसके नागरिक राष्ट्रीय कर्तव्य से नहीं जुड़ते।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्राजेश पाठक आैर लखनऊ की महापौर सुषमा खरकवाल भी उपस्थित थीं।




