लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई के वार्ड, ऑपरेशन थियेटर और आईसीयू में उपकरणों की निगरानी करने वाले बायो मेडिकल टेक्नीशियन की भारी कमी है। संस्थान प्रशासन ने बायो मेडिकल टेक्नीशियन के 22 में से 15 पद खत्म कर दिए। अब सिर्फ सात पद ही बचे हैं। एपेक्स, ट्रामा, इमरजेंसी मेडिसिन एण्ड रीनल ट्रांसप्लांट यूनिट, एलटीयू व पीएमएसवाई स्थित वार्ड, ओटी और आईसीयू में बायो मेडिकल टेक्नीशियन नहीं हैं। जबकि चिकित्सा उपकरणों का रखरखाव व मेंटीनेस की जिम्मेदारी इन्हीं की होती है। फैकल्टी फोरम और पीजीआई कर्मचारी महासंघ ने भी कम किये गए पदों को दोबारा पद सृजित करने के साथ और पद बढ़ाने की मांग की है।
पीजीआई की स्थापना के समय करीब 700 बेड पर बायो मेडिकल इंजीनियरिंग (सेंट्रल वर्कशॉप) के लिये 22 पद थे। इसमें दो चीफ टेक्निकल आफीसर, पांच सीनियर टेक्निकल आफीसर, सात टेक्निकल आफीसर, चार टेक्नीशियन और चार वर्कशॉप असिस्टेंट के पद पर नियुक्ति की गई। इनमें से 11 रिटायर हो गए हैं। बचे 11 कार्मिकों पर पूरे पीजीआई की जिम्मेदारी हैं। इममें से चार जल्द रिटायर हो जाएंगे। जबकि अब संस्थान में बेड की संख्या बढ़कर 2200 हो गई है। कई नई विभाग शुरू हुए हैं। ट्रामा सेंटर के साथ ही इमरजेंसी मेडिसिन एण्ड रीनल ट्रांसप्लांट यूनिट, एलटीयू व पीएमएसवाई में वार्ड के अलावा करीब 20 नई ओटी और आईसीयू संचालित हो रहे हैं। यहां के चिकित्सा उपकरण की निगरानी के लिये बायो मेडिकल टेक्नीशियन नहीं हैं।
फैकल्टी फोरम ने भी पद कम करने पर आपत्ति जतायी
बायो मेडिकल टेक्नीशियन के स्वीकृत 15 पद करने पर पीजीआई फैकल्टी फोरम ने ऐतराज जताया है। फैकल्टी फोरम ने संस्थान निदेशक के साथ बैठक कर कम किये गए पदों को पुन: सृजित किये जाने की बात रखी। इसके मिनट्स भी बनाए गए, लेकिन संस्थान इस पर चुप्पी साधे हुए है। पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन का कहना है कि हर संवर्ग में नए पद बढ़ाए जा रहे हैं। इसमें पद कम किये जाने की जानकारी नहीं है।