के0जी0एम0य0ू के प्रख्यात चेस्ट रोग विशेषज्ञ डा0सूर्यकान्त को चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिये नेशनल इत्तिहाद ए मिल्लत कन्वेन्शन द्वारा इत्तिहाद-ए-मिल्लत सम्मान से सम्मानित किया गया है।
डा. सूर्यकान्त देश के माने जाने टी.बी.,चेस्ट व अस्थमा रोग विशेषज्ञ है। डा. सूर्यकान्त का जन्म व प्रारम्भिक शिक्षा उ.प्र. के इटावा जनपद में हुई। डा. सूर्यकान्त ने अपनी एम.बी.बी.एस. (1988) तथा एम.डी. (1992) की उपाधि प्रख्यात किंग जॉर्ज मेडिकल कालेज, लखनऊ से प्राप्त की। डा. सूर्यकान्त ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के इतिहास मे पहली बार एम.डी. पाठयक्रम का शोध प्रबन्धन हिन्दी भाषा मे प्रस्तुत किया जिसकी अनुमति के लिए उन्हे एक वर्ष तक काफी संघर्ष करना पडा अन्ततः उत्तर प्रदेश विधान सभा द्वारा सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पास कर हिन्दी मे शोध प्रबन्धन जमा करने कि विशेष अनुमति (1991)मे प्रदान कि गयी।
अब तक 63 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है –
चिकित्सा जगत मे सर्वप्रथम हिन्दी भाषा मे शोध पत्र प्रस्तुत करने का श्रेय भी डा. सूर्यकान्त को जाता है जब उन्होनें 12 जनवरी 1992 को वाराणसी मे प्रदेश स्तर के चेस्ट रोगो की संगोष्ठी मे अपना शोध प्रबन्धन हिन्दी मे प्रस्तुत किया।वर्तमान में डा. सूर्यकान्त किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं। इसके साथ हि डा. सूर्यकान्त इडियन चेस्ट सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (2016-17)भी है।इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश ,स्टेट टास्क फोर्स (क्षय नियंत्रण), के चेयरमैन भी हैै।वे लखनऊ विश्वविद्यालय तथा उत्तर प्रदेश मेडिकल विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा की कार्य परिषद के सदस्य भी है।
डा. सूर्यकान्त को अब तक 63 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। डा. सूर्यकान्त को अनेक पुरस्कारों व फैलोशिप से अलंकृत किया जा चुका है। उ0प्र0 सरकार द्वारा माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा डा0सूर्यकान्त को प्रदेश के विज्ञान क्षेत्र के सर्वोच्च सम्मान श्विज्ञान गौरवश् से भी सम्मानित किया गया है।