भावी पीढ़ी में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करें: मुख्य सचिव

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने अभिभावकों व शिक्षकों का आह्वान किया कि वह भावी पीढ़ी में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित कर उन्हें समाज के नव-निर्माण हेतु प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि अनुशासित एवं संस्कारयुक्त वातावरण में पले-बढ़े बालक ही आगे चलकर समाज का मार्गदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों की रूचि को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें अपने जीवन के लक्ष्य को निर्धारित करने में पूर्ण सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकतम अंक प्राप्त करने हेतु अध्ययनरत् बच्चों में मानसिक तनाव की स्थिति कभी पैदा नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपनी प्रतिभा को निखारने का पूर्ण अवसर प्रदान करना चाहिए।

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मुख्य सचिव रविवार को सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) आॅडिटोरियम में सिटी मान्टेसरी स्कूल, महानगर कैम्पस द्वारा ‘एनुअल पैरैन्ट्स डे’ समारोह का दीप प्रज्वलित कर अपने विचार मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त कर रहे थे।
इससे पहले, ‘एनुअल पैरैन्ट्स डे’ समारोह में रंग-बिरंगी पोशाकों में हँसते-गाते नन्हें-मुन्हें बच्चों ने जीवन का उल्लास बिखरते हुए एक से बढ़कर एक शानदार शैक्षिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से अभिभावकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस समारोह में छात्रों के माता-पिता के साथ ही उनके दादा-दादी व नाना-नानी ने भी बड़ी संख्या में पधारकर नन्हें-मुन्हें छात्रों की हौसलाअफजाई की। सी.एम.एस. महानगर द्वारा आयोजित यह समारोह न सिर्फ स्वस्थ मनोरंजन का अभिनव प्रयोग था अपितु इसने सिद्ध कर दिया कि शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण कारक है और जीवन मूल्यों व संस्कारों से ओतप्रोत ये नन्हें बच्चे ही भविष्य के सुखमय समाज की नींव रखेंगे।

समारोह का शुभारम्भ विश्व शान्ति एवं ईश्वरीय एकता का सन्देश देती ‘सर्व-धर्म एवं विश्व शान्ति प्रार्थना’ से हुआ, जिसके माध्यम से विद्यालय के छात्रों ने सभी के हृदयों को प्रभु प्रेम से सराबोर कर दिया। इसके उपरान्त, छात्रों ने विभन्न प्रकार के लोकगीत, गीत-संगीत, एरोबिक्स आदि की अनेकानेक शानदार प्रस्तुतियों ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया एवं सभी ने छात्रों की प्रतिभा की दिल खोलकर प्रशंसा की। इन रंगारंग प्रस्तुतियों के माध्यम से छात्रों ने विश्व एकता व विश्व शान्ति का जयघोष बड़े ही प्रभावशाली ढंग से किया तथापि ‘वल्र्ड पार्लियामेन्ट’ की प्रभावशाली प्रस्तुति से अन्तर्राष्ट्रीय न्यायिक व्यवस्था की स्थापना हेतु ”विश्व संसद“ बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस अवसर पर अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि हमें बच्चों को अच्छा संसार देने की शुरूआत घर-परिवार से करनी चाहिए एवं उन्हें बचपन से ही एकता के विचार देने चाहिए। अभिभावकों को समर्पित यह कार्यक्रम संदेश देता है कि माता-पिता व अभिभावक नन्हें-मुन्हें बच्चों का नैतिक एवं आध्यात्मिक विकास कर सामाजिक विकास में रचनात्मक भूमिका निभा सकती हैं। सी.एम.एस. महानगर कैम्पस की प्रधानाचार्या डा. कल्पना त्रिपाठी ने कहा कि सी.एम.एस. अपने छात्र को समाज का आदर्श नागरिक एवं विश्व मानवता का सिरमौर बनाने को सतत प्रयासरत है। हमारा प्रयास है कि छात्रों की बहुमुखी प्रतिभा का लगातार विकास हो जिससे सामाजिक उत्थान की दिशा में युवा ऊर्जा को रचनात्मक उपयोग हो सके। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों के व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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