लखनऊ। उन्नाव रेप पीड़िता किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में वेंटिलेटर एवियेशन निमोनिया से पीडि़त होने के अलावा बैक्टीरियल संक्रमण की चपेट में आ गयी थी। यह बात उसके ब्लड कल्चर रिपोर्ट में पता चली है। केजीएमयू के डाक्टरों ने दिल्ली एम्स के डाक्टरों को ब्लड कल्चर रिपोर्ट भेज दी है, ताकि वहां पर लाइन ऑफ ट्रीटमेंट में मदद मिल सके। हालांकि बताया जाता है कि दिल्ली एम्स में रेप पीड़िता लगातार वेंटिलेटर पर ही चल रही है आैर वहां के डाक्टरों के अनुसार उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
केजीएमयू के ट्रामा सेंटर स्थित क्रिटकल केयर वेंटिलेटर यूनिट में आठ से भर्ती चल रही रेप पीड़िता को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इलाज के लिए दिल्ली एम्स रेफर सोमवार को कर दिया गया था। जहां पर उसकी हालत नाजुक बनी है आैर वेंटिलेटर पर चल रही है। केजीएमयू के ट्रामा सेंटर स्थित क्रिटकल केयर यूनिट में भर्ती रहने के दौरान रेप पीड़िता को बुखार रहने के बाद जांच में डाक्टरों ने दूसरे दिन ही निमोनिया की पुष्टि कर दी थी। निमोनिया की पुष्टि के अलावा ब्लड कल्चर व अन्य जांच भी डाक्टरों ने कराने के लिए भेजा था।
ब्लड की जांच रिपोर्ट में इंट्रोकॉकस बैक्टीरिया का पता चला। इस बैक्टीरिया के संक्रमण की चपेट में रेप पीड़िता आ गयी थी। इस बैक्टीरिया की पुष्टि करते हुए केजीएमयू प्रवक्ता डा. संदीप का कहना है कि यह बैक्टीरिया कोई ज्यादा प्रभावशाली नहीं होता है। अक्सर वेंटिलेटर पर मरीज रहने के कारण इसके संक्रमण की चपेट आ जाता है, परन्तु इसका इलाज सामान्य एंटीबायोटिक से ठीक हो सकता है। उन्होंने बताया कि सभी जांच रिपोर्ट दिल्ली एम्स को दे दी गयी है।
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