kgmu: देश का पहला कफ क्लीनिक शुरू जो

0
141

लखनऊ । बेनाड्रिल के निर्माता केंव्यू ने एसोसिएशन ऑफ फिज़िशियंस ऑफ इंडिया (API) के साथ मिलकर लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय(KGMU) में देश का पहला ‘कफ क्लिनिक’ शुरू किया है।

Advertisement

यह पहल एक वैज्ञानिक और शैक्षणिक अभियान के रूप में देशभर में 10 ‘कफ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित करने और एक वर्ष में 1,000 से अधिक डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

‘कफ क्लिनिक्स’ का उद्देश्य डॉक्टरों को सरल और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खांसी के मूल्यांकन और उपचार में सक्षम बनाना है। यहां डॉक्टरों को केस-आधारित प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसमें खांसी की पहचान, उसकी आवाज़ से निदान और लक्षणों के अनुसार उचित इलाज पर जोर रहेगा।

हाल के वर्षों में लखनऊ और आसपास के जिलों में श्वसन संबंधी बीमारियों में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में धूम्रपान न करने वालों में भी COPD (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) के मामले बढ़ रहे हैं।
पहले जहां अस्पतालों में रोज़ दो-तीन मरीज लंबे समय से चल रही खांसी या सांस की समस्या के लिए आते थे, अब यह संख्या बढ़कर पांच से अधिक मरीज प्रतिदिन हो गई है।

कफ क्लिनिक्स को ‘कफ कैटेगराइजेशन टूल’ के आधार पर बनाया गया है, जिसे विशेषज्ञों ने विकसित किया और 2024 में जर्नल ऑफ द एसोसिएशन ऑफ फिज़िशियंस ऑफ इंडिया (JAPI) में प्रकाशित किया गया।
यह टूल डॉक्टरों को खांसी को वेट, ड्राई या मल्टी-सिम्पटम श्रेणियों में वर्गीकृत करने और रेड-फ्लैग संकेतों व ट्रिगर्स को पहचानने में मदद करता ह

प्रोफेसर डॉ. सूर्या कांत त्रिपाठी, प्रमुख, श्वसन रोग विभाग, केजीएमयू, ने कहा –
“लखनऊ आज भारत की बदलती रेस्पिरेटरी हेल्थ प्रोफाइल का प्रतिबिंब है। बीते वर्षों में हमने खांसी और श्वसन रोगों के लिए ओपीडी विज़िट्स में दोगुनी वृद्धि देखी है, साथ ही ग्रामीण घरों में धूम्रपान न करने वालों में COPD की चिंताजनक दर भी सामने आई है।

ऐसे में अब केवल लक्षणों के उपचार से आगे बढ़कर डॉक्टरों को व्यावहारिक और वैज्ञानिक डायग्नोस्टिक टूल्स से सशक्त करना आवश्यक है।
कफ क्लिनिक इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो डॉक्टरों को साक्ष्य-आधारित, सरल और प्रभावी प्रशिक्षण देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।


API के साथ यह साझेदारी हमारे लिए एक बड़ा कदम है। इस कफ क्लिनिक के माध्यम से हम केस-आधारित लर्निंग, वैज्ञानिक संसाधन और विशेषज्ञ मार्गदर्शन से डॉक्टरों को प्रशिक्षित कर, एविडेंस-बेस्ड ट्रीटमेंट स्ट्रैटेजी को बढ़ावा देना चाहते हैं ताकि मरीजों को श्रेष्ठ उपचार परिणाम मिल सकें।

Previous articleStrong attack on dengue, malaria : डिप्टी सीएम

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here