लखनऊ। जानकीपुरम विस्तार में डायरिया का प्रकोप जारी है। डायरिया पीड़ित एक और किशोरी की मौत हो गईं। जानकीपुरम और फैजुल्लागंज में अब तक डायरिया से दो मौतें हो चुकी है। क्षेत्र में काफी लोग डायरिया की चपेट में हैं। लगातार मौतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग कैंप लगाकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है और अन्य विभाग भी अपने-अपने दावे कर रहे हैं। किरकिरी के बाद सीएमओ ने गुरुवार को जानकीपुरम ट्रॉमा सेंटर का जायजा लिया।
बताते चलें कि जानकीपुरम विस्तार निवासी 12 वर्षीय सरिता बीते गुरुवार से बीमार थी। मूल रूप से बलिया निवासी उमाशंकर सिंह सेक्टर-8 में परिवार के साथ झोपड़ी डालकर रहते हैं। तबीयत खराब होने पर परिवारीजन पहले स्थानीय डॉक्टर से इलाज कराया। हालत गंभीर होने पर परिवारीजनों ने किशोरी को जानकीपुरम ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। इलाज के बावजूद मरीज की तबीयत में सुधार नहीं हुआ। नाजुक हाल में डायरिया पीड़ित को बलरामपुर अस्पताल में रेफर कर दिया गया। इमरजेंसी में डॉक्टरों ने मरीज को देखा। इलाज शुरू किया।
मां सरोजनी का आरोप है कि ट्रॉमा के डॉक्टरों ने समय रहते मरीज को रेफर नहीं किया। कई बार डॉक्टरों से मरीज को रेफर करने की गुजारिश की लेकिन डॉक्टरों ने एक न सुनी। हालत बिगड़ने पर सिविल अस्पताल भेजा गया, जहां भर्ती करने से मना कर दिया गया। इसके बाद परिजन बलरामपुर अस्पताल पहुंचे।
काफी मशक्कत के बाद सरिता को भर्ती किया गया। सांस लेने में दिक्कत होने उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। देर रात करीब डेढ़ बजे सरिता की सांसें थम गईं। भाई अर्जुन सिंह (15) को भी डायरिया की शिकायत के बाद ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। इससे पहले शनिवार को बर्तन बेचने वाले राजेश कौशल (50) की मौत हो चुकी है। अब तक डायरिया से दो मौतें हो चुकी हैं।
डायरिया से इलाके में दहाशत है। कई लोगों ने सप्लाई का पानी सीधे पीने से इनकार कर दिया हे। लोग उबालने के बाद पानी को ठंडाकर प्यास बुझाने को मजबूर हैं।