लखनऊ। राजधानी में तेज बुखार के केस लगातार बढ़ते जा रहे है। समय पर ध्यान न देने पर मरीजों की तबियत बिगड़ती जाती है। शनिवार को पुराने लखनऊ निवासी किशोर की तेज बुखार से मौत हो गयी। राजधानी के फैजुल्लागंज, पुराने लखनऊ सहित विभिन्न क्षेत्रों में तेज बुखार के मरीज मिल रहे है।
पुराने लखनऊ निवासी हुदा (13) को चार दिन पहले से बुखार आ रहा था। परिजनों ने स्थानीय डॉक्टरों से इलाज कराया था, लेकिन उसे इलाज से कोई लाभ नहीं हुआ। ज्यादा तबियत बिगड़ने पर परिजनों बृहस्पतिवार को उसे लेकर एरा मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने मरीज को भर्ती कर इलाज शुरू किया। पिता गुफरान ने बताया कि इलाज तो हो रहा था, लेकिन बच्ची का बुखार नहीं उतर रहा था। उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी। डॉक्टर भी लगातार बच्ची के इलाज में जुटे रहे। इलाज के दौरान शनिवार को सुबह बच्ची हुदा की सांसें थम गयी।
डिप्टी सीएमओ डा. मिलिंद वर्धन ने बताया कि जानकारी मिलने पर मेडिकल कालेज से जानकारी एकत्र की गयी तो पता चला कि बच्ची का हीमोग्लोबिन काफी कम था। इसके अलावा बुखार के कारणों का पता लगाने के लिए डेंगू और मलेरिया की भी जांच हुई थी, लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव आयी थी। डाक्टरों का कहना है कि मरीज में हीमोग्लोबिन की कमी व अन्य दूसरी कारणों से मौत हो गयी है। फिलहाल इलाज से संबंधी जानकारी जुटाई जा रही है। इसके अलावा मरीज के घर में व उसके आस-पास के लोगों की जांच कराने के निर्देश दे दिये गये है। उस क्षेत्र में लोगों को बुखार तो नहीं आ रहा था।
राजधानी के फैजुल्लागंज क्षेत्र में स्थित विभिन्न कालोनियों को देखा जाए तो क्षेत्र में काफी लोग तेज बुखार की चपेट में आ चुके है। इन क्षेत्रों में कई मरीजों को तेज बुखार के कारण तबियत बिगड़ने पर भर्ती तक कराना पड़ा है। अलीगंज में कुछ बस्तियों में वायरल बुखार का प्रकोप देखा जा चुका है। डाक्टरों की माने तो तेज बुखार आने पर डाक्टर से परामर्श के बाद ही दवाओं का सेवन करना चाहिए। अक्सर तेज बुखार में प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है। इस दौरान मरीज को भर्ती कराना चाहिए या फिर डाक्टरों की सलाह पर ही एंटी बायटिक या अन्य दवा देनी चाहिए।