डिप्टी सीएम को मिली सीएमओ कार्यालय में यह गड़बड़ी

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लखनऊ। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय (सीएमओ) सहित चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय का आैचक निरीक्षण किया। उपमुख्यमंत्री को निरीक्षण के दौरान सबसे मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में खामी देखने को मिली। यहां पर फाइलों का अंबार, उस पर जमी धूल और जगह-जगह पान मसाले की पीक और गंदगी तो मिली ही साथ में उपस्थिति रजिस्ट्रर पर कुछ कर्मचारियों ने एडवांस हस्ताक्षर कर रखे थे। डिप्टी सीएम ने जांच के आदेश देते हुए सीएमओ से कार्रवाई को बोला है।

 

 

 

 

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक बुधवार शाम लगभग 5.18 बजे सीएमओ कार्यालय पहुंचे। अपने – अपने काम को समेट रहे बाबुओं आैर अधिकारियों में अचानक उपमुख्यमंत्री के पहुंचने से सीएमओ कार्यालय में हड़कंप मच गया। सबसे पहले उन्होंने भूतल पर पीसीपीएंडडीटी कार्यालय के बाहर जीने के नीचे कमरे में फाइलों के ढेर लगा दिखायी दिया। यहां पर रखी फाइलों पर धूल की मोटी परत जमी थी। कमरे में काम करने वाले कम्प्यूटर के पीछे भी धूल जमा थी। इस पर उपमुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। साथ में मौजूद सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल से व्यवस्था को दुरुस्त रखने की हिदायत दी। फिर उन्होंने अधिकारियों व बाबुओं की उपस्थिति की जानकारी लेने के लिए रजिस्ट्रर मंगाये। सीएमओ ने बताया कि 12 अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व डिप्टी सीएमओ तैनात हैं। सभी अपने- अपने कार्यक्षेत्र में हैं। इसके बाद वह कर्मचारियों उपस्थिति रजिस्ट्रर को देखा तो इसमें 84 कर्मचारियों के नाम मौजूद थे। वह एक-एक कर कर्मचारियों के बारे में जानकारी ली, तो पता चला कि 12 कर्मचारियों के नाम के आगे उपस्थिति नहीं दर्ज थी। इसके बारे में सीएमओ ने बताया कि परिवार कल्याण महानिदेशालय में एएनएम के साथ इन कर्मचारियों को लगाया गया है।

 

 

 

 

इसके अलावा एक ड्राइवर ने हाजिरी नहीं लगाई थी, पर, वह मौजूद था। जिसे मौके पर बुला लिया गया। सीएमओ डा. अग्रवाल ने यह भी बताया कि काफी संख्या में कर्मचारियों की ड¬ूटी पत्रावली जांच में लगाने से काम प्रभावित होगा।
डिप्टी सीएम को निरीक्षण में कुर्सीयों के पास पान-मसाला के निशान मिले। परिसर में भी कई स्थानों पर पान की पीके नजर आयी। इस पर उन्हें तुरंत अधिकारियों को इसे साफ करवाने के निर्देश दिए। इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय का निरीक्षण किया। यहां पर उन्होंने कार्यालय में टेबल पर रखी, अव्यवस्थित फाइलों की जानकारी ली। इसके अलावा बायोमेट्रिक सिस्टम की भी जानकारी आैर वहां पर मौजूद गंदगी को साफ करने के आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

 

 

 

 

 

 

 

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