25 राज्यों के कर्मचारियों ने ‘‘अधिकार दिवस’’ मनाकर ज्ञापन भेजा

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लोकतात्रिंक एवं ट्रेड यूनियन अधिकार दिया जाय।
राष्ट्रीय वेतन आयोग गठित करके एक देश एक वेतन भत्ते सुविधाएं दी जाय।
7वें वेतन आयोग की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाय तथा केन्द्र के समान समस्त भत्ते दिया जाय तथा भत्तों की कटौती को समाप्त करके भुगतान किया जाय। नई पेंशन समाप्त करके पुरानी पेंशन बहाल की जाय।
आउटसोर्सिंग, संविदा (ठेका) आंगनवाड़ी, सहायिका, मनरेगा एवं शिक्षकों को रिक्त पदों पर योग्यतानुसार नियमित किया जाय एवं इसकी नीति बनायी जाय।

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इंडियन पब्लिक सर्विस इम्पलाॅइज फेडरेशन के आह्वान पर देशभर के केन्द्रीय एवं राज्यों के कर्मचारियों ने अपने कार्यालयों, प्रतिष्ठानों में ‘‘अधिकार दिवस’’ मनाया। जिसमें कई लाख कर्मचारियों ने शोसल डिस्टेंसिंग का पालन कर करते हुए भगीदारी की।
उपरोक्त जानकारी देते हुए इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष,  वी.पी. मिश्र एवं महामंत्री  प्रेमचन्द्र ने बताया कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमांचल, उत्तराखण्ड पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक आदि राज्यों के कर्मचारियों ने जोश खरोश के साथ अधिकार दिवस मनाया तथा मा॰ प्रधानमंत्री जी व राज्यों के मा॰ मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्र ने बताया कि प्रदेश के 75 जनपदों विभागीय संगठनों द्वारा बढ़ चढ़ कर अधिकार दिवस मनाया गया जिसमें शशि कुमार मिश्र महासचिव कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा, सुरेश रावत अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उ0प्र0, डाॅ0 के.के. सचान संगठन प्रमुख, सुनील यादव प्रवक्ता, अशोक कुमार महामंत्री राजकीय नर्सेज़ संघ, संदीप बडोला अध्यक्ष डी॰पी॰ए॰, डाॅ0 पी0 के0 सिंह, आशीष पाण्डे महामंत्री फेडरेशन आॅफ फारेस्ट, मनोज कुमार मिश्र अध्यक्ष, घनश्याम यादव महामंत्री, राजकीय निगम महासंघ, गिरीश चन्द्र मिश्र महामंत्री रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, आशादीन तिवारी अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ, अभय पाण्डे महामंत्री गन्ना विभाग मिनिष्टीरियल कर्मचारी संघ आदि ने सभा को संबोधित करते हुए इप्सेफ के सभी कार्यक्रमों को पूरी निष्ठा से सफल बनाया है।
अध्यक्ष एवं महामंत्री ने बताया कि कार्यक्रम में दीपक ढोलकिया, दीपक कुमार, आर.एस. भदौरिया (दिल्ली) सन्तोष कुमार राजस्थान, एस.बी. सिंह मध्य प्रदेश, ओ.पी. शर्मा छत्तीसगढ़, सुभाष गांगुड़े महाराष्ट्र, हरगोविन्द कौर पंजाब, शिव कुमार परासर वरिष्ठ उपाध्यक्ष, (हरियाणा) एच॰के॰ सांडिल (हिमांचल), जी॰के॰ खुराना (दिल्ली) आदि ने इप्सेफ के सभी आन्दोलन को सफल बनाने का संकल्प दोहराया।
नेताओं ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि कर्मचारियों के लिए, अंग्रेजा़े के समय से चले आ रहे नियमों कंडक्ट रूल्स, चरित्र पंजिका आदि को समाप्त कर लोकतांत्रिक एवं ट्रेड यूनियन अधिकार दिया जाय तथा सेवा में निष्पक्ष कार्य करने का दायित्व भी दिया जाय। इसके अलांवा राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन करके ‘‘एक देश-एक वेतन भत्ते सुविधाएं’’ दी जाय, पुरानी पेंशन की बहाली की जाय, सातवे वेतन आयोग की वेतन विसंगतियां दूर की जाय, आटोनोमस संस्थाओं के कर्मचारियों को बोनस एवं 7वें वेतन आयोग का लाभ दिया जाय, राजकीय निगम, स्थानीय निकायों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को केन्द्र के समान वेतन भत्ते दिये जाये तथा उन्हे सुदृढ़ किया जाय जिससे निजी संस्थानों की मोनोपोली समाप्त की जाय, निजिकरण व्यवस्था को तत्काल समाप्त किया जाय, केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा वित्तपोषित योजनाओं में कार्यरत आउटसोर्सिंग/संविदा (ठेका) आंगन बाड़ी, सहायिका, मनरेगा एवं शिक्षकों के नियमित करने की नीति बनायी जाय।
सभी राज्यों के नेताओं ने अध्यक्ष एवं महामंत्री से अनुरोध किया कि अगर भारत सरकार देश भर के कर्मचारियों की मांगो पर मिल बैठकर निर्णय नही करेगी तो कोविड-19 बीमारी के समाप्ति पर बड़े आन्दोलन की घोषणा करेंगे।
अध्यक्ष श्री वी॰पी॰ मिश्र ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि कोविड-19 के मरीजों का इलाज कर रहे कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाय। स्टाफ की कमी को देखते हुए सेवानिवृत्त नर्सेज एवं पैरामेडिकल स्टाफ की सेवायें ली जाय जिससे कि सुचारू रूप से इलाज चल सके ।
सिविल अस्पताल में कार्यक्रम इप्सेफ के प्रवक्ता सुनील यादव के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ, जिसमे सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए लगभग 80 कर्मचारियो ने मास्क लगाकर, हाथ मे तख्ती लेकर अपनी बात कही, सभा को राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ के महामंत्री अशोक कुमार, वरिष्ठ चीफ फार्मेसिस्ट शिव जी कुशवाहा, महासंघ के शाखा सचिव जी सी दुबे, उपाध्यक्ष शरद दीक्षित, राजीव अग्रवाल, एन एम ए संघ के सतीश यादव, आदि ने संबोधित किया जिसमें कर्मचारी नेता राजेन्द्र दुबे, जावेद, धीरज सहित सभी संवर्गो के कर्मचारी उपस्थित रहे ।

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