लखनऊ। टी बी उन्मूलन कार्यक्रम में पर्यवेक्षण के लिए पेट्रोल न मिलने काम में दिक्कतें शुरु हो गयी है। करीब तीन महीने से राजधानी में तैनात सुपरवाइजरों को पेट्रोल नहीं मिल पा रहा है। जिला क्षय अधिकारी डा. बीके सिंह का दावा है कि पेट्रोल के लिए बजट समाप्त हो गया है। सीएमओ से वार्ता करके पेट्रोल दिलाने की व्यवस्था की जा रही है। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के लिए राजधानी में लगभग चालीस सुपरवाइजर तैनात है। यह सब अपनी जिम्मेदारी के तहत यह लोग टीबी के नये मरीज चिह्नित होने पर एड्रेस वेरीफिकेशन करने जाते है। इसके अलावा कौन सा मरीज अपने निकटतम डॉट सेंटर दवा ले जा रहा है कि नहीं। अगर नहीं जा रहा तो क्यों नहीं जा रहा है। इसकी जानकारी मरीज से लेने तथा दवा न मिलने कारण भी पता करके मरीज को दवा के समय से खाने के लिए जागरूक करते है। इसके अलावा भी उन्मूलन में बड़ी भूमिका निभाते है। राजधानी में लगे लगभग चालीस सुपरवाइजर सभी संविदा पर तैनात है। इन्हें कार्यक्रम के तहत पर्यवेक्षण काम के लिए मोटर साइकिल यात्रा के लिए पेट्रोल दिया जाता है।
यह पेट्रोल इनके विभाग द्वारा निर्धारित पेट्रोल पंप से दिया जाता है। सुपरवाइजरों द्वारा जिला क्षय अधिकारी को दी गयी शिकायत के अनुसार इन सभी को पिछले तीन महीने से पर्यवेक्षण कार्य के लिए निर्धारित मानकों के अनुसार पेट्रोल नहीं दिया जा रहा है। उनकी शिकायत यह भी है कि कोई जिम्मेदारी अधिकारी यह भी स्पष्ट नही रहा है कि कब तक पेट्रोल नहीं मिलेगा आैर दी गयी जिम्मेदारी को कैसे पूरा करना है। सभी का कहना है कि महीने के अंत में काम का ब्यौरा तो मांगा जाता है लेकिन पेट्रोल नहीं दिया जाता है। इस कारण काम प्रभावित हो रहा है। इस बारे में जिला क्षय रोग अधिकारी डा. बीके सिंह का कहना है कि बजट की कमी होने के कारण पेट्रोल के लिए सीएमओ ने मदद करने का आश्वासन दिया है। सभी को पर्यवेक्षण के लिए पेट्रोल दिया जाएगा।
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