लखनऊ। आल इंडिया कांग्रेस ऑफ़ आब्सटेट्रिक्स एंड गायनोकोलॉजी (एआईसीओजी 2020) आयोजक सचिव डॉ. प्रीती कुमार ने सेफ मदरहुड कमेटी के कार्यों पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. प्रीती कुमार ने बताया कि इस कमेटी का कार्य है कि ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित प्रसव कराए जाने की प्रशिक्षण दी जाए। इसमें हम नई तकनीकियों से स्टाफ को अवगत कराते हैं। उन्होंने बताया कि प्रेग्नेंसी किसी भी महिला के लिए महत्वपूर्ण समय होता है। इस समय किसी भी प्रकार की लापरवाही शिशु और माँ के लिए घातक साबित हो सकती है। प्रेग्नेंसी के समय महिलाओं का शुगर बढ़ जाने की शिकायत काफी आती हैं। ऐसे में इसकी नियमित जांच कराई जानी चाहिए, जिससे कि प्रसव के समय किसी प्रकार की दिक्कत ना हो।
उन्होंने बताया कि प्रेग्नेंसी के समय महिला को 75 ग्राम ग्लूकोज पिलाने के बाद डायबिटीज की जांच की जाती है। उस रिपोर्ट के आधार पर ही आगे का इलाज किया जाता है। डॉ. प्रीती ने पोस्ट पार्टम हेमरेज के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि यह तकनीक ब्लीडिंग की समस्या को रोकने में काफी कारगर साबित हो रहा है। इसमें बैलून तकनीक से ब्लीडिंग को रोकते हैं। उन्होंने बताया कि इसकी भी ट्रेनिंग दी रही है। ताकि ब्लीडिंग की गंभीर समस्या से निपटने में आसानी हो। जंक फ़ूड का सेवन काफी मात्रा में किया जा रहा है। इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा उन्होंने कई तकनीकियों के बारे में भी विस्तार से चर्चा की।
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