सुरक्षित प्रसव कराये जाने का प्रशिक्षण आवश्यक : डा. प्रीति

0
639

लखनऊ। आल इंडिया कांग्रेस ऑफ़ आब्सटेट्रिक्स एंड गायनोकोलॉजी (एआईसीओजी 2020) आयोजक सचिव डॉ. प्रीती कुमार ने सेफ मदरहुड कमेटी के कार्यों पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. प्रीती कुमार ने बताया कि इस कमेटी का कार्य है कि ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित प्रसव कराए जाने की प्रशिक्षण दी जाए। इसमें हम नई तकनीकियों से स्टाफ को अवगत कराते हैं। उन्होंने बताया कि प्रेग्नेंसी किसी भी महिला के लिए महत्वपूर्ण समय होता है। इस समय किसी भी प्रकार की लापरवाही शिशु और माँ के लिए घातक साबित हो सकती है। प्रेग्नेंसी के समय महिलाओं का शुगर बढ़ जाने की शिकायत काफी आती हैं। ऐसे में इसकी नियमित जांच कराई जानी चाहिए, जिससे कि प्रसव के समय किसी प्रकार की दिक्कत ना हो।

Advertisement

उन्होंने बताया कि प्रेग्नेंसी के समय महिला को 75 ग्राम ग्लूकोज पिलाने के बाद डायबिटीज की जांच की जाती है। उस रिपोर्ट के आधार पर ही आगे का इलाज किया जाता है। डॉ. प्रीती ने पोस्ट पार्टम हेमरेज के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि यह तकनीक ब्लीडिंग की समस्या को रोकने में काफी कारगर साबित हो रहा है। इसमें बैलून तकनीक से ब्लीडिंग को रोकते हैं। उन्होंने बताया कि इसकी भी ट्रेनिंग दी रही है। ताकि ब्लीडिंग की गंभीर समस्या से निपटने में आसानी हो। जंक फ़ूड का सेवन काफी मात्रा में किया जा रहा है। इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा उन्होंने कई तकनीकियों के बारे में भी विस्तार से चर्चा की।

अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.

Previous articleकेरल में कोरोना वायरस के एक में पुष्टि
Next articleचीन से निकाले गये लोगों को 14 दिन तक विशेष शिविर में रखा जायेगा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here