लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के बाल रोग विभाग की पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट ( पीआईसीयू) को कनाडा की यूनिवर्सिटी आफ मनीटोबा की तर्ज पर उच्चस्तरीय किया जाएगा। वहां के वर्किंग एडेमिक व प्रंबधन तौर तरीकों को लागू किया जाएगा। इससे नवजात शिशु को उच्चस्तरीय इलाज मुहैया हो सकेगा। यह जानकारी बाल रोग विभाग के वरिष्ठ डा. सिद्धार्थ कुंवर ने दी। डा. सिद्धार्थ अपने स्टडी टूर के दौरान कनाडा की यूनिवर्सिटी आफ मनीटोबा गये थे। यहां पर उन्होंने विश्वविख्यात डा. जेफ ब्राुडजेंस्काई से इमरजेंसी आफ आईसीयू में अल्ट्रासाउंड का तत्काल उपयोग करने के तौर तरीकों सीखा आैर उसका अध्ययन किया।
उन्होंने बताया कि यह सबसे नयी तकनीक है, जिससे मरीज को रेडियेशन का खतरा भी नहीं होता है। इससे जांच करने में दो से चार मिनट का ही समय लगता है आैर मरीज को सीटी व एमआरआई के लिए कहीं जाना भी नहीं पड़ेगा। डा. सिद्धार्थ ने बताया कि बाल रोग विभाग के पीआईसीयू में नयी अल्ट्रासाउंड मशीन मौजूद है। इससे मरीजों की तत्काल जांच किया जा सकता है। डा. सिद्धार्थ ने बताया कि कहने तो यह जांच की प्रक्रिया सामान्य लगती है, लेकिन इस नयी तकनीक को समझने व प्रयोग करने की तकनीक को समझने में आईसीयू व इमरजेंसी आईसीयू विशेषज्ञ डा. जेफ ब्राुडजेंस्काई का सहयोग लिया। उन्होंने बताया कि इस तकनीक को केजीएमयू के बाल रोग विभाग में लागू करना चाहता है। इसके लिए कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट से वार्ता करके नयी तकनीक की जानकारी दी।
कुलपति ने इस उच्चस्तरीय तकनीक व वहां के प्रबंधन को लागू करने की अनुमति दे दी है। इसके तहत पीआईसीयू की आवश्यकताओं के मुताबिक विश्वस्तरीय बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि वहां पर महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट प्राप्त किया है। इसके तहत कनाडा से विशेषज्ञ डाक्टर वर्ष में दो बार केजीएमयू के पीआईसीयू में दो सप्ताह के लिए आएंगे। वह दोनों को यहां पर पी आईसीयू को उच्चस्तरीय बनाने में मदद करेंगे। यहीं नहीं वह यहां पर डाक्टरों, रेजीडेंट डाक्टर आैर अन्य को नयी तकनीकों डाक्टरों तथा रेजीडेंटस डाक्टरों को प्रबंधन व प्रोटोकॉल की जानकारी देंगे।
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