भारत बंद के समर्थन में डाक्टरों का प्रदर्शन

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लखनऊ। दलितों पिछड़ों से टकरायेगा चूर-चूर हो जायेगा,ये गुंडागर्दी तानाशाही नहीं चलेगा,संविधान से छेंड़छाड़ नहीं चलेगा सरीखे नारे सोमवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मेन गेट पर छत्रपति शाहू जी महाराज प्रतिमाा के नीचे लग रहे थे। डाक्टरों से लेकर अन्य लोग नारे तख्ती लेकर प्रदर्शन करे थे। यह सभी एससी,एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध कर रहे थे।

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इस दौरान किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के चिकित्सा शिक्षक एवं कर्मचारी एसोसिऐशन से जुड़े सैंकड़ों लोग मौजूद रहे। इसके पहले सोमवार पूरे दिन चिकित्सकों व कर्मचारियों ने काला फीता बांध काम किया। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति चिकित्सा शिक्षक एवं कर्मचारी एसोसिएशन के महासचिव डा.हरीराम ने बताया कि आजादी के 70 वर्षो बाद भी दलितों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ है। सरकार द्वारा दलितों की अच्छी शिक्षा के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किये गये, जिसके कारण अधिकतर दलित एवं पिछड़े समुदाय के लोगों के बच्चे सरकारी शिक्षण संस्थाओं में पढ़ते हैं।

सरकार ने प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं को बढ़ावा देकर सरकारी शिक्षण संस्थाओं की कमर तोड़ दी है। भारतीय संविधान निर्माता डा.भीमराव अम्बेडकर ने दलितों एवं पिछड़ों की आर्थिक एवं सामाजिक स्थित मजबूत बनाने के लिए संविधान में आर्टिकल 340 एवं 341 का प्रविधान रखा । इस कारण दलितों के जीवन में कुछ सुधार हुआ, लेकिन एससी ,एसटी एक्ट में बदलाव करके दलितों का हक छीना जा रहा है। जिससे दलितों को थोड़ी राहत मिलती थी,वह भी नहीं मिल पायेगी। हमारी मांग है कि एससी,एसटी एक्ट को अधिक प्रभावी तरीके से बहाल किया जाये।

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