लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पल्मोनरी मेडिसिन क्रिटकल केयर विभाग ने मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बीस वेंटिलेटर की मांग पत्र लिख कर की है। यह बीस वेटिलेटर केजीएमयू प्रशासन ने पचास डिब्बा बंद रखे वेटिलेटरों में से की जा रही है। हालांकि इनके संचालन के लिए केजीएमयू प्रशासन के लिए मैन पॉवर की कमी बताकर अभी वेंटिलेटर देने से टाल रहा है।
केजीएमयू ट्रामा सेंटर पल्मोनरी क्रिटकल केयर यूनिट व क्रिटकल यूनिट में लगे वेटिलेंटर लगातार गंभीर मरीजों से फुल रहते है। आस-पास जनपदों से लगातार गंभीर मरीज केजीएमयू के ट्रामा सेंटर रेफर किये जाने के कारण वेंटिलेटर की कमी बनी रहती है। पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के क्रिटकल केयर यूनिट में यूनिट में लंग व श्वसन तंत्र सम्बधी गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाता है। लंग की जटिल बीमारियों का सफल इलाज करने के बाद वेंटिलेटर की मांग बढ़ ने लगी है।
इसी के तहत विभाग ने केजीएमयू प्रशासन ने पचास डिब्बे में बंद वेंटिलेटरों में से बीस वेंटिलेटर दिये जाने की मांग पत्र लिख कर की है। उनका कहना है कि मरीजों को बेहतर इलाज दिये जाने के लिए वेटिलेटरों की संख्या बढ़ाया जाना चाहिए। बताया जाता है कि केजीएमयू प्रशासन का तर्क है कि वेंटिलेटर को लगाने के बाद उसको संचालन करना मैनपावर की कमी के कारण हो सकती है। इस लिए वेंटिलेटरों को लगाने से पहले मैन पावर की मांग शासन स्तर पर करने के साथ उनको वेतन देने के लिए बजट की मांग की जाएगी। इसके बाद ही वेंटिलेटर लगाये जाना चाहिए।
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