1498 गंभीर मरीजों को जिले में ही मिली ‘जिंदगी’

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*योगी सरकार द्वारा जिला अस्पतालों की आईसीयू यूनिट के लिए विशेषज्ञ तैयार करने के दिखने लगे फायदे*

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लखनऊ। प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों की गहन चिकित्सा इकाइयों (आईसीयू) को सुदृढ़ की योगी सरकार की मंशा अब आकार लेने लगी है। जिन सात जिला अस्पतालों में आईसीयू विशेषज्ञ तैयार किए गए, उन्होंने 1498 गंभीर मरीजों को भर्ती कर स्वस्थ किया है। कुल 10 जिला अस्पतालों के आईसीयू पूर्ण रूप से सक्रिय हैं। 19 और जिला अस्पतालों के आईसीयू एक्सपर्ट प्रशिक्षित किए जा रहे हैं।

*फरवरी 2024 में सभी आईसीयू यूनिट को सुदृढ़ करने की योजना बनी*
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप फरवरी 2024 में सभी आईसीयू यूनिट को सुदृढ़ करने की योजना बनी। केयर-अप (क्रिटिकल केयर एडवांसमेंट एंड रेडीनेस एन्हांसमेंट फॉर अपकमिंग आईसीयू प्रोफेशनल्स) कार्यक्रम के अंतर्गत चुनिंदा डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ को आईसीयू व वेंटिलेटर आपरेट करने का प्रशिक्षण देने का फैसला किया गया। सरकार ने इसकी जिम्मेदारी महारानी लक्ष्मी बाई (एमएलबी) मेडिकल कालेज, झांसी के एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अंशुल जैन को दी। डॉ अंशुल एमएलबी पैरामेडिकल कालेज के निदेशक भी हैं।

*केजीएमयू में भी प्रशिक्षित किया जा चुका है बैच*
अभी तक दो बैच झांसी और एक बैच केजीएमयू में प्रशिक्षित हो चुका है। ट्रेनिंग पाने वालों में चिकित्सक के अलावा नर्स, लैब टेक्नीशियन एवं फार्मासिस्ट शामिल हैं। लखनऊ के सिविल अस्पताल व लोकबंधु अस्पताल समेत बाराबंकी, गोरखपुर, बांदा, झांसी और प्रयागराज के जिला अस्पताल में आईसीयू यूनिट पूर्ण रूप से सक्रिय हैं।

डॉ. अंशुल ने बताया कि कानपुर नगर, रायबरेली, उन्नाव, गाजियाबाद, अलीगढ़, मुरादाबाद, वाराणसी, चंदौली, आजमगढ़, मऊ, बलिया, मथुरा, फिरोजाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, चित्रकूट, इटावा, शामली व मुजफ्फरनगर जिला अस्पताल के डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ का प्रशिक्षण चल रहा है। यह प्रशिक्षण पूरा हो जाने के बाद 29 जिलों के सरकारी अस्पताल के आईसीयू पूर्ण रूप से सक्रिय होंगे और इससे गंभीर मरीजों को लखनऊ रेफर करने की प्रेक्टिस से काफी राहत मिलेगी।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में आईसीयू में वेंटिलेटर व आक्सीजन की सुविधा है लेकिन प्रशिक्षित स्टाफ की कमी के कारण गंभीर मरीजों को रेफर करना पड़ता था। योगी सरकार ने इस बाधा को समझा और गंभीर कदम उठाते हुए सभी जिला अस्पतालों के कुछ डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया। नतीजे सामने हैं। एक बार सभी जिला अस्पताल का स्टाफ प्रशिक्षित हो जाएगा तो जिला अस्पतालों की तस्वीर बदल जाएगी।

*डॉ. दीपक कुमार मौर्या, आईसीयू इंचार्ज, लोकबंधु अस्पताल*

अस्पताल में 8 आईसीयू बेड सक्रिय हैं। प्रशिक्षण में गए सभी स्टाफ को बहुत फायदा मिला है। स्टाफ नर्स वेंटीलेटर व अन्य उपकरण अब चला रही हैं जिसका लाभ मरीजों को मिल रहा है। इसी वजह से सिविल अस्पताल के आईसीयू में बीते एक साल में मरीजों की संख्या बढ़ी है।

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