लखनऊ। रंगों का त्यौहार होली सोमवार को प्रदेश में धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान लोगों ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर व गुझिया खिलाकर पर्व की बधाई दी। लेकिन, पर्व की मस्ती कई लोगों पर भारी पड़ी। होली पर प्रदेशभर में सामान्य दिनों के मुकाबले काफी अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इसके अलावा मारपीट-झगडे़ व स्वास्थ्य सम्बंधी परेशानियों के भी काफी मामले सामने आए। ऐसे जरूरतमंद लोगों की 108 एम्बुलेंस सेवा ने तत्काल चिकित्सा मदद की और उन्हें एम्बुलेंस में प्राथमिक उपचार देते हुए नजदीकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। तत्काल उचित इलाज मिलने से 7904 लोगों की जान बच सकी। इसमें लखनऊ के 169 लोग शामिल थे।
108 एम्बुलेंस सेवा के लखनऊ स्थित मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक होली के दिन रिकार्ड 7904 इमरजेंसी मामलों में लोगों की 108 एम्बुलेंस सेवा के जरिए चिकित्सा मदद की गई, जो कि सामान्य दिनों में 6200 से 6500 इमरजेंसी मामलों तक रहती है। होली के मद्देनजर 108 एम्बुलेंस सेवा ने खास इंतजाम किए थे। सेवा से जुड़ी एम्बुलेंस को सड़क दुर्घटना के लिहाज से संवेदनशील स्थानों पर खास तौर पर तैनात किया गया था। इसके अलावा आधुनिक चिकित्सा इंतजामों से युक्त एम्बुलेंस पुलिस थानों व नगर-कस्बों के प्रमुख स्थानों पर तैनात की गई थीं, ताकि जरूरतमंदों को इन्हें शीघ्र उपलब्ध कराकर उनकी जान बचाई जा सके।
108 एम्बुलेंस सेवा का संचालन करने वाली संस्था जीवीके ईएमआरआई (यूपी) के जन सम्पर्क अधिकारी अजय यादव ने बताया कि सितम्बर-2012 में प्रदेश में शुरू हुई 108 एम्बुलेंस सेवा होली पर लोगों के लिए काफी मददगार साबित हुई। इस सेवा से सैकड़ों जरूरतमंदों की जान बचाई जा सकी। घायलों से लेकर उनके परिजनों ने तत्काल मदद के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा के स्टाफ की काफी प्रशंसा की और उन्हें अपना आशीर्वाद दिया। 108 सेवा के तहत प्रदेश के सभी 75 जिलों में वर्तमान में 1488 इमरजेंसी एम्बुलेंस संचालित हो रही हैं।