लखनऊ । आईसीएमआर के हाल के ही डाटा के अनुसार, पिछले 26 सालों में कैंसर के मामलों में दोगुनी बढ़ोत्तरी हुई है। दुनिया में ब्रोस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ओरल कैंसर और लंग कैंसर की 41 प्रतिशत आबादी भारत की है। यह जानकारी कैंसर रोग विशेषज्ञ डा. हरित चतुर्वेदी ने आज पत्रकार वार्ता में दी।
उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी में प्रगति के साथ आज कैंसर की पहचान, रोकथाम और इलाज करना आसान हो गया है। ऑन्कोलॉजी के डॉ. देववृत आर्या ने बताया कि नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेंसिंग जैसी जेनेकिट टेस्ट के जरिए ट्यूमर में आए बदलावों की स्टडी की जा सकती है। इसके आधार पर उचित इलाज का चुनाव किया जाता है, जिससे स्टेज 4 में होने का बाद भी इलाज के परिणाम बेहतर होते हैं।
सर्जिकल ऑन्कोलॉजी की डॉ. अदिती चतुर्वेदी ने बताया कि प्रति 28 महिलाओं में एक महिला ब्रोस्ट कैंसर से पीड़ित है। जागरुकता के कारण आज भी लोग बात करने से हिचकते हैं, जिसके कारण कई मरीजों का इलाज संभव नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि ब्रोस्ट ऑन्कोप्लास्टिक सर्जरी, सेंटिनल नोड बायोप्सी, दवाइयों और रेडिएशन तकनीकों की उपलब्धता के साथ न सिर्फ ब्रोस्ट कैंसर का सफल इलाज संभव है, बल्कि इसके बाद महिलाएं फिर से एक नॉर्मल जीवन व्यतीत कर सकती हैं।
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