लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सर्जरी विभाग ने अपने पहले स्थापना दिवस समारोह में सरकारी अस्पतालों में आग से बचाव के लिए पहली बार अग्निशमन नियमावली जारी की। विभाग प्रमुख डा. संदीप तिवारी के निर्देशन में बनायी गयी यह नियमावली महत्वपूर्ण होगी। केजीएमयू के कलाम सेंटर में आयोजित समारोह में दिल्ली एम्स ट्रॉमा सेंटर के डॉ. अमित गुप्ता, डा. सुबोध कुमार सहित अन्य वरिष्ठ डाक्टर मौजूद थे।
दिल्ली एम्स ट्रॉमा सेंटर के डॉ. सुबोध कुमार ने समारोह में कहा कि ट्रॉमा मैनेजमेंट के लिए चिकित्सक व स्टाफ तैयार करने के लिए हर मेडिकल कॉलेज में ट्रॉमा सर्जरी विभाग खुलना चाहिए। नए बन रहे ट्रॉमा सेंटर को प्रशिक्षित स्टाफ मिल सकेगा। वहीं ट्रॉमा सर्विस में सुधार लाने के लिए लोगों को एडवांस लाइफ स्पोर्ट एएलएस का प्रशिक्षण मिलना चाहिए।
डॉ. अमित गुप्ता ने कहा कि देश में करीब छह.सात ट्रॉमा सेंटर ही मानकों को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ ट्रॉमा सेंटर बनाने से कम नहीं चलेगा। इसके लिए संसाधन व ट्रेंड चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ की भी तैनाती करनी होगी। स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक लोगों को प्रशिक्षित करना होगा। ताकि लोगों तत्काल प्राथमिक इलाज मिल सके।
ट्रॉमा सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. संदीप तिवारी ने कहा कि ट्रामा सेंटर में आग की घटना के बाद आग से होने वाले नुकसान व बचाय के लिए पूरी तैयारी शुरू कर दी गयी अौर इसी प्रकार में अस्पतालों में आग से बचाव के लिए किन नियमों का पालन करना चाहिए।
इस पर पूरी नियमावली ही तैयारी हो गयी। डा. तिवारी ने बताया कि घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए भारत सरकार ने अहम कदम उठाया है। घायलों का सही आंकड़ा जुटाने के लिए डेटा बेस तैयार किया जा रहा है। इसके लिए आईसीएमआर को जिम्मेदारी दी है। आईसीएमआर ने भारत के पांच मेडिकल संस्थानों को इसके लिए चुना है। लखनऊ के तीन अस्पताल शामिल हैं। इसमें केजीएमयू, बलरामपुर अस्पताल और मोहनलालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को इसके लिए चुना गया है। इन तीनों अस्पतालों में घायल काफी सं या में आ रहे हैं। अब इन अस्पतालों में घायलों की पूरी जानकारी जुटाई जाएगी। समारोह में कुलपति केजीएमयू डा. एमएलबी भट्ट, सर्जरी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. रमाकांत, डा. समीर मिश्रा, डा. विनीता दास सहित डाक्टर मौजूद थे।