तनाव की अहम वजह स्मार्टफोन व सोशल साईट्स

0
687

लखनऊ। केजीएमयू के फिजियोलॉजी विभाग एवं फिजियोलॉजी सोसाइटी के तत्वाधान में शनिवार को १०७ वां स्थापना दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  इस अवसर पर एनआईएमएचएएनएस बैगलूरू के डा. बीएस. शंकरनारायण राव ने प्रो.आर.सी. शुक्ला स्मारक व्याख्यान द एवर चेजिंग ब्रेन एण्ड न्यू चैलेंजेस इन ट्रेटिंग न्यूरोलॉजिकल एण्ड फिजिट्रिक डिसआर्डर  विषय पर बताया कि शरीर के विभिन्न अंगो से अथवा विभिन्न पर्यावरण कारको आदि से प्राप्त सूचना मानव दिमाग के विभिन्न हिस्सों में एकत्रित होती है। हम जो कुछ भी सीखते हंै, देखते हंै, वो हमारे दिमाग के उपर निर्भर करता है। किन्तु कुछ न्यूरोलॉजिकल या ब्रेन डिसआर्डर की वजह से हमारे दिमाग की कार्य क्षमता प्रभावित होती है और हम अपने विभिन्न प्रकार के कार्यो को उचित प्रकार से नही कर पाते है।

Advertisement

ब्रेन डिसआर्डर दो प्रकार के होते है न्यूरोलॉजिकल एवं मानसिक। जिन्हे प्रारम्भिक अवस्था में पहचान पाना कठिन होता है। ज्यादा तर ब्रेन डिसआर्डर तनाव से सम्बंधित होते है। जब हम लम्बे वक्त तक तनाव में रहते है और उसे दुर करने का प्रयास नही करते या किसी वजह से हम तनाव से बाहर नही निकल पाते है तो धीरे-धीरे हम अवसाद से ग्रसित हो जाते है। तनाव का एक अहम वजह आज के परिदृश्य में में स्मार्टफोन और सोशल साईट्स एवं विभिन्न सोशल ऐप्स भी है। इनकी वजह से हम पुरे दिन इंटरनेट से जुड़े रहते है तथा जो व्यर्थ की जानकारी हमे नही चाहिए होती है वो भी हमे प्राप्त होती रहती है। आज कल ज्यादातर युवा सोसल साइट्स पर ज्यादा क्रियाशील रहते है। जिसकी वजह से वह अपने परिवार से दुर होते जाते है तथा तनाव से ग्रसित होते जाते है।

आज हमारे समाज में लड़के-लड़कियों की जनन उम्र भी समय से पहले आती जा रही है। इसका कारण भी इन अत्याधुनिक चिजों का बहुत ज्यादा इस्तेमाल है। आज कल बच्चे इंटरनेट पर ज्यादा से ज्यादा देर तक रहते जिससे वे विभिन्न प्रकार के सेक्सुअल जानकारी एकत्रीत करते है तथा विभिन्न प्रकार की ऐसी साइटों को देखते है जो सेक्स को बढ़वा देने वाली होती है । इसकी वजह से उनके दिमाग द्वारा उन हर्मोन्स का स्राव होने लगता है जो उनकी जनन क्षमता को समय से पहले विकसित करने लगता है। बच्चों के दिमाग का विकास १८ से २१ वर्ष तक होता रहता है तथा इस अवस्था तक वो सही निर्णय करने में असमर्थ होते है ऐसे मे उन्हे अपने अभिभवाकों का ज्यादा से ज्यादा सहयोग चाहिए।

अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.

Previous articleलोहिया संस्थान में सितम्बर से आंदोलन
Next articleड्रॉप्सी के दो मरीज यहां भर्ती

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here