लखनऊ। वर्ष 2018 का पहला चंद्रग्रहण बुधवार को भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों में देखा गया। सुपर मून की बदलते रंग की दुर्लभ खगोलीय घटना के लोग गवाह बने। घर की छतों पर चढ़ कर लोग चांद के बदलते नजारे को देख रहे है आैर इस कैमरे व मोबाइल में कैद कर रहे थे।
सुपर मून भारत के अलावा उत्तरी अमेरिका, हवाई, पश्चिम एशिया, रूस और ऑस्ट्रेलिया में भी चांद ग्रहण देखा गया। इस घटना में सुपरमून और ब्लू मून के साथ पूर्ण चंद्र ग्रहण की भी झलक दिखायी थी। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक आज का चंद्रग्रहण 100 से भी अधिक वर्षों के बाद पड़ा और यह इस साल का पहला चंद्रग्रहण था। कुछ मत था कि भारत कुछ वर्षो पहले भी इस तरह की घटना हुई थी। लगभग तीन घंटे 24 मिनट की अवधि वाले चंद्रगहण के दौरान चंद्रमा का तीन विविध रंगो में नजर आना इसकी प्रमुख विशेषता रही थी। छोटे बच्चों से लेकर बड़े तक इसको देखने के लिए उत्सुक थे। टीबी चैनलों पर भी लगातार सुपर मून के बदलती तस्वीरों को दिखाया जा रहा था आैर इसके साथ ही ज्योतिषशास्त्री राशियों को लेकर भविष्य वाणी भी कर रहे थे।
वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा के सुर्ख लाल हो जाने की प्रक्रिया को ही ब्लड मून नाम दिया गया। उनका कहना है कि जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच सीधे गुजरती है और इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी के घेरे में आ जाने से कुछ ऐसा ही दिखता है।
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