शहीद हुए वानी को सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार

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न्यूज। कश्मीर के शोपियां में गत वर्ष नवंबर में आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान अपनी जान कुर्बान करने वाले लांस नायक नजीर अहमद वानी को अशोक चक्र प्रदान किया जाएगा। अशोक चक्र शांति काल में प्रदान किया जाने वाला देश का सर्वोच्च वीरता सम्मान है। बताते चले कि शुरू में आतंकी रहे वानी बाद में हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लौट आए थे। जिम्मेदार अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गणतंत्र दिवस पर वीर सैनिक की पत्नी महजबीन को पुरस्कार प्रदान करेंगे।

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अधिकारियों ने बताया कि 38 वर्षीय वानी कुलगाम के अश्मुजी के रहने वाले थे। वह 25 नवंबर को शोपियां के हीरापुर गांव में छह आतंकवादियों के खिलाफ एक अभियान में शहीद हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों की ओर से गोलियों की बौछार के बीच अदम्य साहस का परिचय देते हुए उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा के एक जिला कमांडर आैर एक विदेशी आतंकवादी को मार गिराया।

उनके परिवार में उनकी पत्नी के अलावा दो पुत्र हैं। पेशे से शिक्षक महजबीन ने कहा कि अपने पति से प्रेरणा लेकर वह युवाओं को सही रास्ता दिखाने का प्रयास करती रही हैं। वानी 2004 में सेना में शामिल हुए थे। वह कई आतंकवाद रोधी अभियानों में शामिल रहे। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वह एक बहादुर सैनिक थे आैर शुरू से ही हीरो थे। उन्होंने अपने गृह राज्य जम्मू कश्मीर में हमेशा शांति के लिए काम किया। वानी को उनकी बहादुरी के लिए दो बार, 2007 आैर 2018 में सेना पदक से सम्मानित किया गया था।

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