लखनऊ। राजाजीपुरम स्थित रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय में आए 70 वर्षीय राम खेलावन बीमार थे। उनके दांहिने पैर चोट थी। रोड पर बेसुध मिले, उनको राहगीरों ने रानी लक्ष्मीबाई हास्पिटल में लाए जहां गार्डो की मदद से इमरजेन्सी में डाक्टर ने बिना जांच पड़ताल के दवाएं लिखीं। मरीज ने भर्ती करने के लिए कहा लेकिन साफ मना कर दिया गया।
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जब मरीज के मददगारों ने अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डा. आरके चौधरी को जानकारी दी तो उन्होंने इमरजेेंसी मेडिकल आफीसर को फटकार लगायी आैर एम्बुलेंस से मरीज को बलरामपुर अस्पताल रेफर कराया। सूत्र बताते हैं कि मरीजों को आसान से भर्ती नहीं किया जाता है। ज्यादातर मरीजों को दवा देकर चलता किया जाता है। जो मरीज पावर पहुंच वाले होते हैं उनको बेहतर उपचार मिल जाता है।