लखनऊ। केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के वरिष्ठ सदस्य डा.अनुरूद्ध वर्मा ने प्रदेश में किराये एवं दान के भवनों में संचालित राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालयों को सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्टाफ सहित स्थानान्तरित न किये जाने की मांग की है। प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में उन्होंने कहा है कि सुदूर ग्रामीण एवं चिकित्सा सुविधा विहीन क्षेत्रों में स्थापित यह राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय लम्बे समय से जनता को होम्योपैथी के माध्यम से चिकित्सा की सुविधायें उपलब्ध करा रहे है।
इन राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालयों के स्थानान्तरण से इन चिकित्सालयों से आच्छादित यह क्षेत्र बिल्कुल चिकित्सा सुविधा विहीन हो जायेंगे इसके अतिरिक्त इन क्षेत्रों में होम्योपैथी से लाभान्वित जनता में इसकी लोकप्रियता स्थापित हुई थी एवं विश्वास उत्पन्न हुआ था उस पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और सरकार को होम्योपैथी को आम जनता में लोकप्रियता प्रदान करने एवं बढ़ावा देने के प्रयास को भी नुकसान होगा।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की जनता के स्वास्थ्य के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालयों को सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्थानान्तरित न करने तथा इन पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन,राष्ट्रीय आयुष मिशन के अन्तर्गत होम्योपैथिक चिकित्सक नियुक्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश की जनता को होम्योपैथी जैसी सरल, सुलभ, दुष्परिणाम रहित एवं कम खर्चीली चिकित्सा पद्धति के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधायें प्राप्त हो सके तथा सरकार का सभी को स्वास्थ्य की सुविधायें उपलब्ध कराने का अवसर मिल सके और स्वस्थ उत्तर प्रदेश संकल्प पूरा हो सकेगा।