केजीएमयू के वृद्धा मानसिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा राजधानी के ग्रामीण क्षेत्रों में किये गये शोध में चौकाने वाले परिणाम सामने आयें है। इस शोध में महिलाओं की अपेक्षा पुरुष मानसिक बीमारियों से ज्यादा ग्रसित बताये गये हैं। वृद्धा मानसिक स्वास्थ्य विभाग के सेंटर फॉर एण्डवांस रिसर्च ट्रेनिंग एण्ड सर्विसेज द्वारा लखनऊ के सरोजन नगर ब्लाक के मीरनपुर पिनवट तथा बिजनौर गांव के सरवन नगर क्षेत्र में ४५ वर्ष के अधिक उम्र के ५९० लोगों पर शोध किया गया। जिसमें २७१ पुरुष तथा ३१९ महिलाएं शामिल थीं। शोध के दौरान यह सामने आया कि यहां की एक चौथाई आबादी किसी न किसी मानसिक बीमारी से ग्रसित है।
जबकि २०१० में किये गये शोध के परिणाम मौजूदा समय से कुछ अलग ही कहानी बयां कर रहे हैं। उस समय मानसिक बीमारी से ग्रसित आबादी एक चौथाई से काफी कम थी। इस समय २५.२ प्रतिशत लोग मानसिक बीमारी से ग्रसित है,वहीं २०१० में २३.७ प्रतिशत लोग मानसिक बीमारी की चपेट में बताये जा रहे हैं। इसके अलावा शोध के ताजा आंकड़ों में मानसिक बीमारी से ग्रसित पुरुषों की संख्या महिलाओं की अपेक्षा अधिक है। जहां पुरुष २९.५ प्रतिशत वहीं महिलाओं की संख्या २२ प्रतिशत आयी है।
वृद्धा मानसिक स्वास्थ्य विभाग के विभागाध्यक्ष डा.एससी.तिवारी ने बताया कि शोध के दौरान महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में नशे की लत पायी गयी। जिसके कारण मानसिक रोग की दर ज्यादा पायी गयी। वहीं महिलाओं में अवसाद की समस्या ज्यादा देखी गयी है। उन्होंने बताया कि ४५ से ५९ उग्र के लोगों में २४.१ प्रतिशत तो ६० वर्ष से अधिक उम्र में २७.२ प्रतिशत लोग मानसिक समस्या से जूझते पाये गये हैं। उन्होंने बताया कि बुजूर्गों को कई आर्थिक व सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है,जिससे उनमें मानसिक समस्या ज्यादा पायी जाती है।