लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के दंत संकाय के अलावा अन्य चार विभाग के विशेषज्ञों ने रोड एक्सीडेंट में चेहरे पर आयी चोट के अलावा बायीं आंख के चारों तरफ की हड्डी टूटने पर मरीज की खिसक आयी आैर एक आंख की जटिल सर्जरी करके सही स्थान पर ले आये। नीचे सरकने के कारण आंख से दिखना बिल्कुल बंद हो गया था। सर्जरी के बाद डॉक्टरों का कहना है कि मरीज के आंख से दिखना भी शुरु हो सकता है।
सर्जरी करने वाले विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम के अनुसार गत वर्ष 31 दिसम्बर को लखनऊ के राजिक अली (30) बाइक पर पीछे बैठा था। रोड से जाते हुए बाइक एक स्कूटी से भिड़ गई थी। एक्सीडेंट के दौरान बाइक का हैंडल उसकी आंख पर जा लगा आैर युवक गिर गया। सड़क के राहगीरों ने निकटतम अस्पताल में युवक कोभर्ती कराया था। वहां पर कुछ दिन इलाज चला। परिजनों के आरोप है कि डाक्टरों ने डॉक्टरों ने अन्य चोटों का इलाज किया लेकिन आंख का इलाज नहीं किया।
इसके बाद एक आंख से न दिखने पर इलाज के लिए स्थानीय स्तर पर छोटे- बड़े कई अस्पतालों में गए, लेकिन आंख के इलाज से कोई आराम नहीं मिला। लोगों की परामर्श पर परिजन मरीज को लेकर केजीएमयू नेत्र रोग विभाग पहुंचे, तो यहां डॉ. अरजित कौर ने मरीज की जांच करने के बाद दंत संकाय के ओरल एवं मैक्सिलोफिएशल सर्जरी विभाग में डॉ. दिव्या मेहरोत्रा के पास भेज दिया। यहां डॉ. द्विव्या ने मरीज की जांच में विशेष कर आंख संबंधी जांचें कराई आैर थ्रीडी जांच भी कराई। इसके आधार पर फिर डाटा के बेस पर उसका ऑर्बिटल इम्प्लांट तैयार कराया
डॉ. द्विव्या मेहरोत्रा कहना है कि शुक्रवार को उनके साथ नेत्र, ईएनटी और एनस्थीसिया विभाग के डॉक्टरों के साथ विचार विमर्श करके सर्जरी शुरू की गयी। चकना-चूर हो चुकी हड्डी को बाहर निकाला। उसकी जगह इम्प्लांट प्रत्यारोपित किया। इसमें डॉक्टरों ने सर्जरी में खास कर उसकी आंख सही जगह बैठायी। इस्के बाद पेशेंट स्पेसफिक ऑरबिटल इम्प्लांट लगातर उसके सहारा देकर रोक दिया गया।
डा. दिव्या ने बताया कि नाक के आस-पास की हड्डी काफी पतली होती है। इसलिए आंख खिसक कर नाक तक आ गई थी। बाई आंख से उसे कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। सर्जरी के बाद उसके देखने की शुरुआत हो चुकी है। धीरे-धीरे सर्जरी की गयी आंख की रोशनी वापस आने की उम्मीद है।
सर्जरी करने वाले नेत्र रोग विभाग की डॉ. अपजित कौर के साथ ओरल एंड मैक्सिलफिएशल सर्जरी विभाग की डॉ. द्विव्या मेहरोत्रा, ईएनटी विभाग के डॉ. वीरेंद्र वर्मा, डॉ. आकाश, डॉ. प्रवीन कुमार, डॉ. रवि, डॉ. रेंगा और एस्थीसिया विभाग की डॉ. मोनिका कोहली समेत अन्य डॉक्टर मौजूद थे।
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