लखनऊ – केरल में निफा वायरस से स्टाफ नर्स की मौत पर राजकीय नर्सेज संघ उत्तर प्रदेश के महामंत्री अशोक कुमार अपने दुख प्रकट किया है एवं सरकार से मांग की है है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पीएससी एवम् जिला लेवल के अस्पताल पर इस तरह के मरीजों की देखभाल के लिए प्रॉपर तरीके से ग्लव्स,मास्क, कैप,एवं वैक्सीनेशन प्रॉपर तरीके से जो भी नर्सेज को मरीज के पास जाने से पहले आवश्यक बचाव के सामान हो अवश्य उपलब्ध कराया जाए. जिससे इस तरह की होने वाली मौत से नर्सेज ही नहीं जो भी पैरामेडिकल एवं डॉक्टर इसके संपर्क में आते हैं उन को बचाया जा सके मेरी सरकार से अपील है कि नर्सेज को उत्तर प्रदेश एवं समस्त भारतवर्ष में रिस्क अलाउंस जरूर दिया जाए.
उन्होंने बताया कि अभी तक विदेशों में वायरस संक्रमण दहशत जरूर थी परंतु देश में इसकी फैलने की संभावना बहुत मानी जाती थी. केरल के नर्सिंग स्टाफ की मौत के बाद सभी नर्सिंग संवर्ग सकते में है और अपनी सुरक्षा को लेकर कहीं ना कहीं आशंकित है. उनका मानना है कि इस वायरस से नहीं तो अन्य किसी वायरस से या बैक्टीरिया से संक्रमण होने की संभावना पूरी तरह होती है. फिलहाल केजीएमयू की सीनियर माइक्रो बायोलोजी विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर शीतल का कहना है कि यह वायरस ग्रुप फोर का वायरस है और बहुत तेजी से फैलता है इसकी चपेट में आने के बाद मृत्यु दर 40 से 60फ़ीसदी तक मानी जाती है. उनका मानना है इस वायरस को साधारण प्रयोगशाला में भी जांच के दौरान नहीं पकड़ा जा सकता है. देखा गया है यह वायरस चमगादड़ मैं पाया जाता है. मल-मूत्र या सलाइवा के माध्यम से लोगों तक पहुंच जाता है और इससे संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है.
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