लखनऊ। मरीजों को उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा दिलाने का दावा करने करने वाली प्रदेश सरकार के गोमती नगर के डा. राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में मरीज को समय पर आक्सीजन तक मुहैया नही हो सकी। डाक्टरों की लापरवाही से समय पर ऑक्सीजन न मिलने पर मरीज की तड़प- तड़प कर मौत हो गई। इमरजेंसी में मरीज की अस्थमा अटैक आने पर तबियत बिगड़ गयी। परिजन लगभग बीस मिनट तक डाक्टरों व वार्ड ब्वॉय के आगे गिड़गिड़ाते रहे, कि आक्सीजन सिलेंडर से मास्क लगाकर शिफ्ट करों पर सभी ने अनसुनी कर दिया। बिना ऑक्सीजन मास्क के मरीज को इमरजेंसी से वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। इस पर नाराज परिजनों ने जमकर हंगामा किया आैर नारेबाजी की।
बताते चले कि सबौली क्षेत्र निवासी राम चन्द्र (62) को उसका बेटा घनश्याम सुबह करीब 8 बजे पिता को सांस लेने में प्रॉब्लम होने लगी। सांस लेने में दिक्कत के कारण परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर से लैस प्राइवेट एम्बुलेंस से लेकर लोहिया हॉस्पिटल पहुंचे। हास्पिटल की इमरजेंसी में ईएमओ डॉ. राहुल कुमार ने मरीज की जांच पड़ताल कर रूकने के लिए कहा। परिजनों का आरोप है कि कुछ देर बाद एक वार्ड ब्वॉय आया और वह उनके पिता को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने लगा।
परिजनों ने इसकी जानकारी मांगी तो बताया गया कि मरीज को को वार्ड में एडमिट करके वार्ड में शिफ्ट करने के लिए कहा गया है। मरीज को वहीं पर डाक्टर आकर उसे देखेंगे। परिजनों का आरोप है, मरीज का दूसरी जगह शिफ्ट होने करने में आक्सीजन सिलेंडर का प्रयोग नहीं किया गया। अचानक तबियत बिगड़ने पर मरीज को सांस लेकर पर पर दिक्कत हो रही थी। तबियत बिगड़ने का कारण अस्थमा का अटैक था , लगभग बीस तक हम मिन्नतें करते रहे, लेकिन किसी ने नहीं सुना। वार्ड शिफ्टिंग के दौरान पिता को ऑक्सीजन मास्क नहीं लगाया गया। जबकि हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सिलेंडर मौजूद था।”
परिजनों का आरोप है कि ”इमरजेंसी से मरीज को लेकर वार्ड में चला गया। इसी वजह से पिता की मौत हुई है। अगर समय रहते ऑक्सीजन सिलेंडर दे दिया जाता ,तो उनकी जान बच सकती थी। अस्पताल के निदेशक डा. डीएस नेगी ने बताया कि हास्पिटल में आक्सीजन सिलेंडर व अन्य सभी वार्डो में सेंट्रल आक्सीजन लगी हुई है। मरीज की हालत पहले से नाजुक बनी हुई थी।